सार
एकाग्रता बढ़ाने और मानसिक तनाव से बचने का सबसे अच्छा और सफल तरीका है मंत्र जाप करना। शास्त्रों में सभी देवी-देवताओं के अलग-अलग मंत्र बताए गए हैं। इन मंत्रों में गायत्री मंत्र का विशेष स्थान है।
उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार मां गायत्री की प्रसन्नता के लिए गायत्री मंत्र का जाप किया जाता है। अगर कोई व्यक्ति रोज इस मंत्र का जाप करता है तो उसका मन शांत रहता है और एकाग्रता बनी रहती है। जानिए गायत्री मंत्र से जुड़ी खास बातें...
ये है गायत्री मंत्र
ऊँ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।
गायत्री मंत्र का सरल अर्थ
सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का यह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।
कब-कब कर सकते हैं इस मंत्र का जाप?
- पं. शर्मा के मुताबिक गायत्री मंत्र सर्वश्रेष्ठ मंत्रों में से एक है। इस मंत्र के जाप के लिए तीन समय बताए गए हैं। इन तीन समय को संध्याकाल भी कहा जाता है। जाप का पहला समय है प्रात:काल, सूर्योदय से थोड़ी देर पहले मंत्र जाप शुरू कर सकते हैं और जाप सूर्योदय के बाद तक करना चाहिए।
- मंत्र जाप के लिए दूसरा समय है दोपहर का। दोपहर में भी इस मंत्र का जाप किया जाता है।
- तीसरा समय है शाम को सूर्यास्त के कुछ देर पहले। सूर्यास्त से पूर्व मंत्र जाप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जाप करना चाहिए।
- अगर इन तीन समय के अतिरिक्त गायत्री मंत्र का जाप करना हो तो मौन रहकर या मानसिक रूप से जाप करना चाहिए। इस मंत्र जाप अधिक तेज आवाज में नहीं करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना श्रेष्ठ होता है।
गायत्री जाप के जाप से होते हैं इतने फायदे
इस मंत्र के जाप से उत्साह और सकारात्मकता मिलती है, नकारात्मक विचार दूर होते हैं, धर्म-कर्म में रुचि जागती है, क्रोध शांत होता है, ज्ञान की वृद्धि होती है। रोज मंत्र जाप करने वाले व्यक्ति का स्वभाव शांत और आकर्षक होने लगता है।