सार
आजकल सोशल मीडिया के बढ़ते असर के चलते फादर्स डे, मदर्स डे, फ्रेंडशिप डे वगैरह मनाने का चलन बढ़ गया है, लेकिन ये दिवस क्यों मनाए जाते हैं, इसकी जानकारी कम ही लोगों को होती है।
लाइफस्टाइल डेस्क। आजकल सोशल मीडिया के बढ़ते असर के चलते फादर्स डे, मदर्स डे, फ्रेंडशिप डे वगैरह मनाने का चलन बढ़ गया है, लेकिन ये दिवस क्यों मनाए जाते हैं, इसकी जानकारी कम ही लोगों को होती है। भारत में पहले ये दिवस नहीं मनाए जाते थे। यहां तो जन्मदिन मनाने का प्रचलन भी ज्यादा नहीं था। लेकिन जैसे-जैसे यूरोप और अमेरिका के देशों से संपर्क बढ़ता गया, भारत में भी ये दिवस मनाए जाने लगे। जब से सोशल मीडिया का प्रभाव बढ़ा है, ये दिवस और भी ज्यादा उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। इससे जुड़े पोस्ट सोशल मीडिया पर लिखे जाते हैं। लोग मैसेज कर के अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं और उपहार वगैरह भी देते हैं।
पिता की छवि
आम तौर पर भारतीय परिवारों में पिता की छवि एक कड़क मिजाज व्यक्ति की रही है। पिता पूरे परिवार का मालिक माना जाता था और उसकी किसी बात को ठुकराने की हिम्मत शायद ही किसी में होती थी। उसके आदेश का पालन करना जरूरी समझा जाता था। लेकिन अब समय के साथ पिता की छवि में काफी बदलाव आया है। जैसे-जैसे आधुनिक विचारों का प्रभाव बढ़ा है, पिताओं के व्यवहार में भी बदलाव आया है। वे अब पहले की तरह कड़क मिजाज नहीं होते और अपने बच्चों के साथ दोस्ताना तरीके से पेश आते हैं।
कब से मनाया जाने लगा फादर्स डे
फादर्स डे कबसे मनाया जाने लगा, इसे लेकर इतिहासकारों में मतभेद है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि पहली बार फादर्स डे अमेरिका के वर्जीनिया में 1907 में मनाया गया। लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि फादर्स डे मनाने की शुरुआत सबसे पहले 19 जून, 1910 को हुई। कहा जाता है कि सोनोरा डोड नाम की एक लड़की ने फादर्स डे मनाने की शुरुआत की थी। वह जब बहुत छोटी थी, तभी उसकी मां की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद सोनोरा डोड के पिता विलियम स्मार्ट ने उसका पालन-पोषण किया और मां की कमी नहीं खलने दी।
1966 में मिली मान्यता
सोनोरा जब बड़ी हुईं तो उन्होंने मदर्स डे की तरह फादर्स डे मनाने की बात कही। सोनोरा ने पहली बार अपने पिता के सम्मान में फादर्स डे मनाया। इसे 1924 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति कैल्विन कोली ने आधिकारिक मंजूरी दी। 1966 में अमेरिका के राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने जून महीने के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाने की सहमति दी। इसके बाद हर साल जून महीने के तीसरे रविवार को पूरी दुनिया में फादर्स डे मनाया जाता है।