सार
तीन विधायकों के बीजेपी में आने से विधानसभा में उसके सदस्यों की संख्या बढ़ गई है। प्रदेश अध्यक्ष ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि तीनों विधायकों ने विकास के लिए पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। तीनों समाज में हमेशा ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं।
भोपाल : मध्यप्रदेश की सियासत से बड़ी खबर आ रही है। सपा, बसपा और एक निर्दलीय विधायक ने बीजेपी (BJP) की सदस्यता ले ली है। सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) की मौजूदगी में छतरपुर की बिजावर विधानसभा सीट से सपा विधायक राजेश कुमार शुक्ला, भिंड से बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाहा और आगर मालवा की सुसनेर सीट से निर्दलीय विधायक विक्रम सिंह राणा भी पार्टी की सदस्यता ली। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में यह सदस्यता ली गई। बताया जा रहा है कि 18 जुलाई को होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर यह सियासी हलचल दिखाई दे रही है।
बीजेपी का विचार अलग है
शिवराज सिंह चौहान और वीडी शर्मा ने सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों को पार्टी के चुनाव चिन्ह वाला गमछा पहनाकर उनका स्वागत किया। वीडी शर्मा ने कहा कि बीजेपी के विचार से प्रभावित होकर इन विधायकों ने पार्टी ज्वॉइन की है। उन्होंने कहा कि विधायक संजीव के पिता बीजेपी के सांसद रहे हैं। राजेश हमारी पार्टी की नीतियों से वाकिफ हैं। वहीं, बीजेपी में शामिल होने पर बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाहा ने कहा कि यह उनके लिए खुशी और गर्व का पल है। हम सभी विकास की मुख्यधारा में प्रदेश के आगे ले जाने का काम करेंगे।
बदल गया नंबर गेम
इन तीनों विधायकों के बीजेपी में आने के साथ ही एमपी विधानसभा में बीजेपी सदस्यों की संख्या बढ़कर 130 हो गई है। बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव (President Election 2022) को देखते हुए ये सारी कवायदें की जा रही हैं। प्रदेश विधानसभा में अभी 230 विधायक हैं। बीजेपी की संख्या 130 होने से राष्ट्रपति चुनाव में विधायकों की वैल्यू भी बढ़ गई है। अब प्रदेश में बीजेपी विधायकों का वोट वैल्यू 262 हो गया है। अब जैसी की चर्चा है कि आने वाले दिनों में कुछ और निर्दलीय विधायक बीजेपी में आ सकते हैं, अगर ऐसा हुआ तो पूरा का पूरा समीकरण ही बदलता दिखाई देगा।
साल 2018 से ऐसे बदलते गए नंबर
बता दें कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में 230 सीटों में से बीजेपी 109 और कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत हासिल की। इसके अलावा सपा को एक और बसपा को दो सीट पर जीत मिली थी। सपा-बसपा के समर्थन से प्रदेश में कमलनाथ की सरकार बनी लेकिन 15 महीने बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कई विधायक बीजेपी में चले गए और सरकार बीजेपी की बन गई। जिसके बाद से ही कई विधायकों ने बीजेपी की सदस्यता ली और 109 का आंक 130 तक पहुंच गया।
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