सार
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के उम्मीदवार आदित्य ठाकरे खास चर्चा में हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे चुनावी लड़ाई में एक उभरते नेता हैं जिसका एक उदाहरण सोमवार को मुंबई के एक कार्यक्रम में देखने को मिला। चुनावी रैली में भाषण देते हुए आदित्य ठाकरे का एक वीडियो वायरल हो रहा है।
मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के उम्मीदवार आदित्य ठाकरे खास चर्चा में हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे चुनावी लड़ाई में एक उभरते नेता हैं जिसका एक उदाहरण सोमवार को मुंबई के एक कार्यक्रम में देखने को मिला। चुनावी रैली में भाषण देते हुए आदित्य ठाकरे का एक वीडियो वायरल हो रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
वीडियो में आदित्य स्टेज से उतर एक बड़े दिग्गज नेता के पैर छूते नजर आए। जिसके बाद वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। आदित्य की तीरफों में लोग वीडियो को शेयर करने लगे तो उनके संस्कार और मूल्यों की बातें होने लगीं।
शिवसेना में आदित्य को लंबे समय से एक नेतृत्वकारी भूमिका के लिए तैयार किया गया है जिसके लक्षण अभी से उनमें दिखने शुरू हो गए। जब उन्होंने अपने भाषण को बीच में ही रोक कर मंच पर पहुंचे शिवसेना के वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी के पैर छुए।
मनोहर जोशी के पैर छुकर सीट पर बैठाया
81 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी जब मंच पर पहुंचे तो एक भरी सभा को संबोधित कर रहे आदित्य ने अपना भाषण रोक दिया और हाथ जोड़कर पैर छूकर जोशी का स्वागत किया। आदित्य ने न सिर्फ झुककर उनके पैर छुए बल्कि वह बुजर्ग नेता जोशी को उनका हाथ पकड़कर उनकी सीट तक छोड़कर आए।
आदित्य के जयकारों और तालियों से गूंजी सभा-
आदित्य के इस व्यवहार को देख हॉल उनके जयकारों और तालियों से गूंज उठा। लोग उनकी दरियादिली और शालीनता देखते रह गए। आदित्य जनता के बीच अपनी मजबूत पहचान बना चुके हैं लेकिन इस बार चुनाव में वह वर्ली से अपनी किस्मत आजमाएंगे। महाराष्ट्र राज्य के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर रहे आदित्य ने जोशी के पैर छूकर आर्शीवाद लिया। 29 साल के आदित्य को पार्टी के एक उदार और मिलनसार नेता के रूप में देखा जा रहा है। वह जनता के बीच काफी घुल-मिल जाते हैं।
वर्ली सीट से चुनाव लड़ेंगे आदित्य
आदित्य चुनाव में खड़े होने वाले अपने परिवार के पहले सदस्य हैं। वह पार्टी के गढ़ वर्ली सीट से चुनाव लड़ेंगे। यहां की जनता ने पिछले पांच चुनावों में से चार में शिवसेना को वोट दिया है। 2009 में एनसीपी नेता अहीर सचिन मोहन का जीतना एक अपवाद माना जाता है। सेना के नेता सुनील गोविंद शिंदे द्वारा आयोजित की जाती है।
ठाकरे परिवार के पहले सदस्य
शिंदे ने आदित्य के लिए अपनी सीट छोड़ने का फैसला किया है। वह चाहते हैं आदित्य अब अपने राजनीतिक कॅरिअर की शुरुआत करें। 1966 में शिवसेना की स्थापना के बाद से, ठाकरे परिवार के किसी भी सदस्य ने चुनाव नहीं लड़ा। न ही वह किसी संवैधानिक पद पर नहीं रहे। अब आदित्य ठाकरे 2019 में विधानसभा चुनाव लड़कर इतिहास बनाने जा रहे हैं।