सार

मुंबई से 2013 में लापता हुई एक 7 साल की बच्ची अब 10 साल बाद अपने परिवार से मिली है। बच्ची को स्कूल जाते समय अगवा कर लिया था। पुलिस ने सालों-साल उसकी खोज की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला था। लड़की ने गूगल पर पुराने आर्टिकल से खुद को पहचाना ।

मुंबई. मायानगरी मुंबई से एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां 2013 को लापता हुई 7 साल की बच्ची पूरे 10 साल बाद परिवार को मिल गई है। घरवालों ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। पुलिस ने सालों-साल उसकी खोज की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला था। इस दौरान सरकारी रिकॉर्ड में उसकी पहचान मिसिंग गर्ल नंबर 166 बनकर रह गई। माता-पिता भी हार मान चुके थे, लेकिन अब वो मिल गई है। उसकी उम्र 16 साल की हो चुकी। हैरानी की बात यह है कि इतने वर्षों गायब होने वाली यह लड़की अपने घर से महज 500 मीटर की दूरी पर ही रहती थी। 

10 साल पहले स्कूल जाते समय गुम हुई थी बच्ची
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई की 7 साल की बच्ची पूजा गौड़ 22 जनवरी 2013 को अपने भाई के साथ स्कूल जा गई थी। इस बीच दोनों भाई-बहन के में किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ और वह पीछे रह गई। इसी दौरान  हैरी जोसेफ डिसूजा (50) नाम के आरोपी ने बच्ची का अपहरण कर लिया और अपने साथ ले गया। आरोपी को कोई संतान नहीं था, इसलिए उसने बच्ची को उठाया था। परिजनों ने डीएन नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। इस मामले की जांच ASI राजेंद्र धोंडू भोसले कर रहे थे।  केस दर्ज होने के बाद यह मामला मीडिया, एनजीओ में आया तो और ज्यादा हाई प्रोफाइल बन गया।

अखबारों और टीवी चैनलों न्यूज-विज्ञापन के बाद भी नहीं मिली थी बच्ची
बच्ची को खोजने के लिए स्थानीय लोगों ने कैंपेन चलाया। अखबारों और टीवी चैनलों में एड भी दी गए। यह सब देख आरोपी डिसूजा को डर सताने लगा कि कहीं बच्ची  मिल गई तो उसका क्या होगा। क्योंकी बच्ची उसकी सारी पोल खोलकर रख देगी। बस इसी डर के चलते उसने बच्ची को कर्नाटक के रायचूर में एक हॉस्टल में रहने भेज दिया। इसी दौरान साल 2016 में आरोपी की पत्नी सोनी (37) को एक बच्चा पैदा हुआ। बच्चे की परवरिश और खर्चे के चलते आरोपी लड़की को कर्नाटक से वापस ले आया। मंबई आते ही उसके साथ रोजाना मारपीट की जाती और यह बोला जाता कि तुझे तो हम 2013 में कहीं से उठा के लाए हैं। तब बच्ची को अहसास हुआ कि वह उसके असली मां-बाप नहीं है। इतना नहीं आरोपी दंपति ने बच्ची को दूसरों के घरों में झाड़ू-पोछा करने के लिए काम पर लगा दिया।

10 साल बाद ऐसे बच्ची अपने माता-पिता तक पहुंची
मामले में ​​​​​डीएन नगर के सीनियर इंस्पेक्टर मिलिंद कुर्दे ने बताया कि दंपति को लगने लगा था कि पूजा अब बड़ी हो गई है। उसका चेहरे में भी बदलाव हो गया है तो कोई उसे नहीं पहचान सकता है। पुलिस ने भी केस को खत्म कर दिया है। इतना ही नहीं दंपत्ति ने पूजा को धमकी देते हुए कह रखा था कि वह इलाके में किसी से भी बात नहीं करेगी। हलांकि पूजा जिस घर में दाई का काम कर रही थी उसी घर में घरेलू सहायिका ने उसकी मदद की। पहले तो पूजा ने अपनी दर्दभरी कहानी महिला को बताई, इसके बाद महिला ने  गूगल पर लड़की का नाम, मिसिंग और डिसूजा नाम डालकर सर्च किया, जिससे 2013 में लापता केस और बच्ची को ढूंढ़ने के कैंपेन से जुड़े आर्टिकल मिले। आर्टिकल्स में अपनी तस्वीर देखने के बाद पूजा को सब कुछ याद आ गया। उसे अपना घर भी याद आ गया। फिर उसने मिसिंग पोस्ट में दिए पांचों नंबर पर कॉल किया। लेकिन चार नंबर बदल चुके थे। पांचबे नंबर को किसी रफीक नाम के युवक ने रिसीव किया। उसे पूजा और मदद करने वाली महिला ने पूरी कहानी बताई। फिर गुरुवार सुबह पूजा ने उसी नंबर पर वीडियो कॉल किया तो रफीक ने  स्क्रीनशॉट लेकर पूजा की मां और चाचा को फोटो दिखाई तो उन्होंने कह दिया की यह हमारी बेटी है जो 9 साल पहले स्कूल जाते समय गुम हुई थी।

इस पुलिस वाले को सलाम...जिसने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी
इन सबके बाद पूजा का परिवार फिर उसके काम करने वाली जगह पहुंचा। वहीं पुलिस को भी सूचना दी गई। पुलिस पहुंची और 9 साल बाद बच्ची अपनी मां और परिवार से मिली। वहीं उस दौरान बच्ची की तलाश करने वाले पुलिस अधिकारी रिटायर हो चुके ASI राजेंद्र धोंडू भोसले की भी सूचना दी गई।  उन्होंने कहा कि आप पुलिसवाले के तौर पर रिटायर हो सकते हैं, लेकिन इंसानियत रिटायरमेंट के साथ खत्म नहीं हो जाती है। वह आपके मरते दम तक रहती है। बता दें कि भोसले अब तक अपने रिटायरमेंट के आखिरी साल भोसले ने उन 166 लड़कियों का केस संभाला जो 2008 से 2015 के बीच लापता हुई थीं। इनमें से उन्होंने रिटायर होने तक 165 लड़कियों को ढूंढ़ निकाला था। सिर्फ पूजा मिसिंग गर्ल नंबर 166 थी, जिसे उन्होंने रिटायर होने के 7 साल बाद तक ढूंढ़ना जारी रखा। वहीं  पुलिस ने आरोपी  हैरी जोसेफ डिसूजा (50) को गिरफ्तार कर लिया गया है, वहीं उसकी पत्नी सोनी (37) को भी आरोपी बनाया गया है।