सार

अंशु सिंह ने बताया कि कैंपस में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर उन पर जुलाई से 5 हजार रुपए रोज के हिसाब से जुर्माना लगाया जा रहा है। यह रकम 8 लाख रुपए के करीब पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ बेजुबानों को खाना दिया था, सोसाइटी ने मुझ पर गंदगी फैलाने का आरोप लगा दिया।

मुंबई : महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजधानी मुंबई (mumbai) में आवारा कुत्तों को खाना खिलाना एक महिला को महंगा पड़ गया है। ऐसा करने पर सोसाइटी ने महिला पर 8 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है। नवी मुंबई के एक हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में रहने वाली एक महिला अंशु सिंह ने ये आरोप लगाया है। उसका कहना है कि रेजिडेंशियल सोसायटी के मैनेजमेंट कमेटी ने यह जुर्माना परिसर के अंदर आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर लगाया है। इस रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स में 40 से ज्यादा बिल्डिंग हैं। अंशु सिंह ने बताया कि कैंपस में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर उन पर जुलाई से 5 हजार रुपए रोज के हिसाब से जुर्माना लगाया जा रहा है। यह रकम 8 लाख रुपए के करीब पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ बेजुबानों को खाना दिया था, सोसाइटी ने मुझ पर गंदगी फैलाने का आरोप लगा दिया।

अंशु सिंह का आरोप
अंशु सिंह ने बताया कि उन पर लगाया गया जुर्माना गंदगी फैलाने के रूप में लगाया गया है। मुझ पर अबतक कुल आठ लाख रुपए के करीब का जुर्माना लगाया गया है। सोसायटी की प्रबंध समिति ने परिसर के अंदर कुत्तों को खाना खिलाते पाए जाने वालों पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया। यह चलन जुलाई 2021 में शुरू हुआ। उन्होंने बताया कि कई आवारा कुत्ते परिसर में हैं।
अंशु सिंह ने बताया कि इससे पहले भी एक अन्य निवासी पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

वॉचमैन करता है निगरानी
हाउसिंग कॉम्प्लेक्स की एक अन्य महिला लीला शर्मा ने बताया कि सोसायटी के वॉचमैन उन सदस्यों पर ध्यान रखते हैं, जो कुत्तों को खाना खिला रहे हों और फिर उनका नाम नोट कर लेते हैं। फिर इसकी जानकारी मैनेजिंग कमिटी को देते हैं, जो जुर्माना लगाते हैं। उसका कहना है कि सोसाइटी में कई आवारा कुत्ते घूमते दिख जाते हैं। जिस कारण से वहां रहने वाले उन्हें खाना दे देते हैं। जिसके बाद उन पर कार्रवाई की जाती है। लीला शर्मा ने बताया कि कुत्तों को खाना खिलाने के लिए उन पर भी 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। उनकी उम्र 60 साल है। 

सोसाइटी का क्या कहना है
वहीं, हाउसिंग कॉम्प्लेक्स की सचिव विनीता श्रीनंदन ने मीडिया को बताया कि बच्चे ट्यूशन के लिए जाते समय आवारा कुत्तों के पीछे भागते हैं और बुजुर्ग नागरिक कुत्ते के डर के कारण घूम नहीं पाते हैं। उन्होंने बताया कि इससे सफाई और स्वच्छता से जुड़े मुद्दे भी है, क्योंकि कुत्ते पार्किंग और अन्य जगहों पर गंदगी करते हैं। इसके साथ ही कुत्तों के चिल्लाने से यहां रहने वाले रात में ठीक से सो नहीं पाते। श्रीनंदन ने बताया कि हाउसिंग सोसायटी ने कुत्तों के लिए एक बाड़ा बनाया है, लेकिन कुछ सदस्य अभी भी कुत्तों को खुले में खिलाते हैं। इसलिए हमने जुर्माने का प्रावधान रखा है। जो भी कार्रवाई हुई है वह सोसाइटी के नियमों के अनुसार है।

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