सार
विधानसभा के शीतकाली सत्र के दौरान सीएम शिवराज ने साफ कर दिया कि OBC) आरक्षण के प्रदेश में चुनाव नहीं होंगे। उन्होंने इतना भी कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार कोर्ट जाएगी, मुख्यमंत्री ने बताया कि वह 3 दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अलावा कानूनविदों से इस बारे में बात भी कर चुके हैं।
भोपाल. मध्य प्रदेश में जारी पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) के बीच अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण को लेकर सियासी घमासान जारी है। विपक्ष जहां सत्ताधारी पार्टी बीजेपी आरोप लगा रहा है कि पंचायत चुनावों में सरकार ओबीसी आरक्षण खत्म करना चाहती है। वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा-मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव OBC आरक्षण के साथ ही होंगे। चाहे इसके लिए कुछ भी क्यों ना हो जाए।
ओबीसी आरक्षण पर सीएम ने पीएम मोदी से की बात
दरअसल, मंगलवार को जारी विधानसभा के शीतकाली सत्र के दौरान सीएम शिवराज ने साफ कर दिया कि OBC) आरक्षण के प्रदेश में चुनाव नहीं होंगे। उन्होंने इतना भी कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार कोर्ट जाएगी, मुख्यमंत्री ने बताया कि वह 3 दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के अलावा कानूनविदों से इस बारे में बात भी कर चुके हैं। एक दो दिन में इसका फैसला हो जाएगा।
कांग्रेस ने चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया था
वहीं विधानसभा में पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण के मामले में कांग्रेस ने चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया था। इस पर बहस के दौरान कमलनाथ ने कहा, कोर्ट के ऑर्डर का बहाना न बनाएं। हम अब साथ कोर्ट चलते हैं। सदन सर्वसम्मति से इसे पास करे कि ये स्वीकार है या नहीं।
कमलनाथ ने कहा-जानबूझकर झूठ परोसा जा रहा था
एमपी के पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता कमलनाथ ने कहा- वैसे भी यह विषय राजनीति का नही था, लेकिन जानबूझकर झूठ परोसकर इसे राजनीति का विषय बनाया जा रहा था लेकिन आज सच की जीत हुई है। कांग्रेस हमेशा से ही ओबीसी वर्ग की हितैषी पार्टी रही है , हमने सदैव ही इस वर्ग के हित व कल्याण के लिये लड़ाई लड़ी है , इस वर्ग के हित में कांग्रेस की सरकारों ने कई जनहितैषी निर्णय लिये है। आख़िरकार सरकार ने हमारी मांग मानी और अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। हमें पूरी उम्मीद व विश्वास है कि अब प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के साथ ही पंचायत चुनाव होंगे , इस वर्ग के साथ न्याय होगा।
यहां से शुरू हुआ पूरा मामला
बता दें कि मध्य प्रदेश में अगले साल यानि 2022 के जनवरी और फरवरी महीने में होने वाले पंचायत चुनावों में 2014 के आरक्षण रोस्टर को लेकर विवेक तन्खा ने जबलपुर हाइकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसे HC ने खारिज कर दिया था। इसके बाद तन्खा सुप्रीम कोर्ट गए थे जहां सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी है।
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