सार

वैवाहिक बलात्कार(marital rape) एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के दो जज एक-दूसरे के फैसले से सहमत नहीं हुए। लिहाजा अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में जाएगा। एक जज ने इसे अपराध बताया, जबकि दूसरे जज इससे सहमत नहीं हुए। जस्टिस राजीव शकधर ने वैवाहिक बलात्कार को एक क्राइम बताया। साथ ही IPC की धारा 375 के अपवाद 2 को असंवैधानिक बताया। 

नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने वैवाहिक बलात्कार(marital rape) मामले को अपराध घोषित करने के लिए दाखिल याचिकाओं में खंडित निर्णय दिया है। वैवाहिक बलात्कार(marital rape) एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के दो जज एक-दूसरे के फैसले से सहमत नहीं हुए। लिहाजा अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में जाएगा। एक जज ने इसे अपराध बताया, जबकि दूसरे जज इससे सहमत नहीं हुए। जस्टिस राजीव शकधर ने वैवाहिक बलात्कार को एक क्राइम बताया। साथ ही IPC की धारा 375 के अपवाद 2 को असंवैधानिक बताया। लेकिन जस्टिस सी. हरिशंकर इससे सहमत नहीं हुए। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में  एक याचिका दाखिल करके मांग की गई थी कि अगर पति जबरन या पत्नी की मर्जी के खिलाफ संबंध बनाता है, तो उसको मैरिटल रेप के दायरे में लाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने इस मामले में अलग-अलग देशों का उदाहरण भी दिया। याचिका में इसे महिला की अस्मिता और उसके सम्मान से जोड़ा।

मार्च में कर्नाटक हाईकोर्ट ने दिया था अहम फैसले
इसी मसले पर मार्च में कर्नाटक हाईकोर्ट ने अहम फैसला दिया था। कर्नाटक हाईकोर्ट(Karnataka High Court) ने कहा था कि कोई आदमी यह कहकर रेप के आरोपों से बरी नहीं हो सकता है कि पीड़िता उसकी पत्नी है।  हाईकोर्ट ने सांसदों को भी सुझाव दिया कि वे संसद में कानून में आड़े आ रहीं ऐसी असमानताओं को दूर करने की दिशा में प्रयास करें। जनप्रतिनिधि 'चुप्पी की आवाज' पर ध्यान दें।

2017 में सुप्रीम कोर्ट दे चुका है बड़ा फैसला
पिछले साल अगस्त में केरल हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की थी कि भारत में मैरिटल रेप के लिए सजा का प्रावधान नहीं है। यह सिर्फ तलाक का कारण हो सकता है। इससे पहले 11 अक्टूबर, 2017 को  मैरिटल रेप पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा था कि 18 साल से कम उम्र की पत्नी से बनाए गए फिजिकल रिलेशन भी अपराध की श्रेणी में माने जाएंगे। अगर पत्नी एक साल के अंदर शिकायत दर्ज करा दे तो। 

आखिर क्या है रेप की परिभाषा
अगर कोई पुरुष किसी महिला से जबर्दस्ती फिजिकल रिलेशन बनाता है, तो इसे रेप माना जाएगा। इंडियन पीनल कोड (IPC) की धारा 375 में उल्लेख है कि कोई व्यक्ति महिला की इच्छा के बगैर फिजिकल रिलेशन बनाए, बगैर सहमति के संबंध बनाए, महिला को कोई डर या नुकसान दिखाकर संबंध बनाए, शादी या अन्य कोई प्रलोभन दिखाकर संबंध बनाए, अगर महिला की मानसिक या शारीरिक स्थिति ठीक न हो और उससे संबंध बनाए गए हों, 16 साल से कम उम्र की महिला से संबंध बनाए गए हों, तो उसे रेप माना जाएगा। हालांकि मैरिटल रेप को लेकर अभी तक कोई ठोस फैसला नहीं आ सका है।

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