प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से करीब 1 घंटे 22 मिनट का संबोधन समाप्त किया। उन्होंने वंदेमातरम के नारे के साथ अपना भाषण समाप्त किया। पीएम ने सुबह 7 बजकर 34 मिनट पर भाषण शुरू किया और 8 बजकर 56 मिनट पर समाप्त किया।
लाल किले से PM मोदी ने दिया नया नारा- 'जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान'
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार 9वीं बार लालकिले से देश को संबोधित किया। वे देश के लिए कई बड़ी घोषणाएं इसी मौके पर करते हैं। इस बार भी पीएम मोदी के एजेंडे में कुछ ऐसी चीजें रहीं, जो आने वाले वक्त में भारत में दिखाई देगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल क्रांति के साथ ही देश में राजनैतिक शुद्धिकरण की बात कही। देश की विरासत पर गर्व करने की बातें कहीं। पीएम ने भ्रष्टाचार व परिवारवाद पर भी करारा प्रहार किया है। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत बनाने पर भी जोर दिया। पीएम मोदी के भाषण से जुड़े हर अपडेट्स के लिए पढ़ें यह ब्लाग...
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पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिभाओं को बिना भाई भतीजावाद के जगह दी गई तो उन्होंने दुनिया भर में भारत का नाम रोशन किया। हाल में खेलों में भारत का प्रदर्शन इसी तरह का रहा है।
पीएम ने कहा कि हिंदुस्तान की राजनीति का शुद्धिकरण के लिए परिवारवादी मानसिकता से मुक्ति दिलानी होगी। पीएम ने कहा कि किसी भी संस्थान में परिवारवाद की राजनीति खतरनाक होती है। योग्यता के आधार पर लोगों को उनका हक मिलना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि देश में भ्रष्टचार के खिलाफ नफरत तो दिखती है लेकिन भ्रष्टाचारियों का महिमामंडन भी होता है। यह कोई भी सभ्य समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। पीएम ने देश की जनता से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में समर्थन मांगा।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार व परिवारवाद की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एक तरफ लोगों को रहने के लिए घर नहीं है तो दूसरी तरफ लोगों के पास चोरी का पैसा रखने की जगह नहीं है। यह स्थिति खराब है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमने देखा है कि कभी कभी हमारी प्रतिभा भाषा के बंधनों में बंध जाती है। ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है। हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए।
- विकसित भारत
- हमारे अंदर गुलामी के हर औंस को हटाना
- हमारी गौरवशाली विरासत पर गर्व है
- एकता
- अपने कर्तव्यों को पूरा करना
पीएम मोदी ने कहा कि हम जीव में भी शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं जो नर में नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं जो पौधे में परमात्मा देखते हैं... ये हमारा सामर्थ्य है, जब विश्व के सामने खुद गर्व करेंगे तो दुनिया करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया। अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें जय विज्ञान जोड़ा। आज जरूरत है कि हम जय अनुसंधान भी जोड़ें ताकि हम नये-नये कीर्तिमान स्थापित करें।
पीएम मोदी ने कहा कि जब तनाव की बात होती है तो लोगों को योग दिखता है, सामूहिक तनाव की बात होती है तो भारत की पारिवारिक व्यवस्था दिखती है। संयुक्त परिवार की एक पूंजी सदियों से हमारी माताओं के त्याग बलिदान के कारण परिवार नाम की जो व्यवस्था विकसित हुई, ये हमारी विरासत है जिसपर हम गर्व करते हैं।
पीएम मोदी ने देश की सेना को सलाम किया और सेना के अधिकारियों को सैल्यूट किया है। उन्होंने कहा कि देश की सेना तय करे कि हम विदेशी हथियारों की जगह देश में बने हथियार यूज करेंगे। मैं उन बच्चों को भी सैल्यूट करता हूं जो कहते हैं कि हम विदेशी खिलौने से नहीं खेलेंगे। तब आत्मनिर्भर भारत उसकी रगों में दौड़ता है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले से कहा कि आत्मनिर्भर भारत का सामाजिक आंदोलन है। पीएम ने कहा कि इसे आगे बढ़ाना है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में एकता के लिए मिलजुलकर काम करना चाहिए। सभी को नारी का सम्मान करना चाहिए। हमें जेंडर इक्वैलिटी पर बात करनी होगी। घर में बेटे-बेटी में भेद नहीं होना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए। कहा कि हम तो जीव में भी शिव देखते हैं। हम लोग विश्व बंधुत्व की बात करते हैं। हम विश्व कल्याण का भाव रखने वाले लोग हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि तीसरी प्राण शक्ति- हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए... चौथा प्राण है- एकता और एकजुटता... पांचवां प्राण है- नागरिकों का कर्तव्य, इसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता है, राष्ट्रपति भी बाहर नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। जिनके ज़हन में लोकतंत्र होता है वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं वो सामर्थ्य दुनिया की बड़ी बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आती है ये मदर ऑफ डेमोक्रेसी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा, और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए। दूसरा प्राण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना।
पीएम मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान के हर कोने में उन सभी महापुरुषों को याद करने का प्रयास किया गया, जिनको किसी न किसी कारणवश इतिहास में जगह न मिली, या उनकों भुला दिया गया था। आज देश ने खोज खोज कर ऐसे वीरों, महापुरुषों, बलिदानियों, सत्याग्रहियों को याद किया, नमन किया।
मोदी ने कहा कि आज जब हम अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैं तो अगले 25 साल अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। आने वाले 25 साल के लिए हमें पंच प्राण पर अपनी शक्ति केंद्रीत करनी होगी।
- पहला प्राण- अब देश बड़े संपल्प लेकर चलेगा। विकसित भारत से कुछ कम नहीं होना चाहिए।
- दूसरा प्राण- किसी भी कोणे में गुलामी का एक भी अंश है तो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना है। इससे 100 फीसदी मुक्ति पानी है।
- तीसरा प्राण- हमें अपनी विरासत के प्रति गर्व होना चाहिए। इसी विरासत ने भारत को कभी स्वर्ण काल दिया था।
- चौथा प्राण- एकता और एकजुटता। 130 करोड़ देशवासियों में एकता, न कोई अपना, न पड़ाया।
- पांचवा प्राण- नागरिकों का कर्तव्य। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी इससे बाहर नहीं है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि आजादी के इतने दशकों के बाद विश्व का भारत की ओर देखने का नजरिया बदल गया है। भारत की तरफ विश्व अपेक्षाओं की नजर से देख रहा है। विश्व की सोच में यह बदलाव 75 साल की हमारी यात्रा का परिणाम है। दुनिया हमारी संकल्प यात्रा को देख रही है। विश्व भी भारत से उम्मीदें बांधे है।