30 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबल हाईअलर्ट पर हैं। इस बीच कुलगाम में हुए एक एनकाउंटर में हिजबुल मुजाहिद्दीजन का एक आतंकवादी ढेर कर दिया गया। अमरनाथ यात्रा को देखते हुए पूरे राज्य में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं।

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में टार्गेट किलिंग(Target Killing in Jammu and Kashmir) और 30 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर सुरक्षाबल अलर्ट मोड में है। पुलिस ने सेना के साथ एक ज्वाइंट मिशन में कुलगाम में 10 जून की देर रात हिजबुल मुजाहिद्दीन का एक आतंकवादी मार गिराया है। सूचना मिली थी कि यहां कुछ आतंकवादी छुपे हुए हैं। सर्चिंग जारी है। इससे पहले 10 जून को बारामूला में प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 2 सक्रिय आतंकवादियों को गिरफ़्तार किया गया था। उनके कब्ज़े से आपत्तिजनक सामग्री, हथियार और गोला-बारूद, 2 चीनी पिस्तौल, 18 जिंदा कारतूस बरामद किए गए।

pic.twitter.com/x8TfNTIa2m

Scroll to load tweet…

आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने हिमाचल और उत्तराखंड में LAC का रिव्यू किया
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे( Army Chief Gen Manoj Pande) ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत की सुरक्षा तैयारियों की रिव्यू मीटिंग की है। 30 अप्रैल को भारतीय सेना प्रमुख का पदभार संभालने के बाद जनरल पांडे का सेक्टर का यह पहला दौरा है। मई 2020 में पूर्वी लद्दाख सीमा रेखा भड़कने के बाद से भारतीय सेना एलएसी के पूरे हिस्से पर कड़ी निगरानी रखे हुए है। सेना ने 10 जून को कहा कि सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे वर्तमान में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों में एलएसी के तीन दिवसीय अग्रिम क्षेत्र के दौरे पर हैं। अग्रिम चौकियों के अपने दौरे में जनरल पांडे को स्थानीय कमांडरों द्वारा सीमाओं पर मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। अपनी यात्रा के दौरान कमांडरों के साथ बातचीत करते हुए सेना प्रमुख ने सीमाओं पर सतर्क रहने पर जोर दिया। 

बता दें कि पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच सीमा गतिरोध शुरू हो गया था। 15 जून, 2020 को गलवान घाटी की झड़पों के बाद आमना-सामना और बढ़ गया। दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हज़ारों सैनिकों के साथ-साथ भारी हथियारों से अपनी तैनाती बढ़ा दी।

मिलिट्री और डिप्लोमेटिक बातचीत की सीरिज के असर से दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे और गोगरा क्षेत्र में पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी की। दोनों के पास वर्तमान में संवेदनशील क्षेत्र में LAC के साथ लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक हैं।

यह भी पढ़ें
नूपुर शर्मा का सिर कहीं-धड़ कहीं और मिलेगा,... मस्जिद पर चढ़कर मौलवी ने दी हेट स्पीच
पैगंबर पर कमेंट से रांची में बवाल, तोड़फोड़, एक मौत कई घायल, बिहार के मंत्री नितिन नवीन की गाड़ी भी टूटी