सार

बीजेपी गैर हिंदी भाषी राज्यों में अपनी पैठ बनाने के साथ आगामी लोकसभा चुनाव में भी जीत के लिए अभी से रणनीतिक तैयारी शुरू कर दी है। बीजेपी ने अब पसमांदा मुसलमानों पर फोकस करने का फैसला किया है। मानसून सत्र के बाद केंद्र सरकार पसमांदा मुसलमानों के लिए कई बड़ी योजनाओं का ऐलान कर सकती है। 

नई दिल्ली। बीजेपी (BJP) हर पल चुनावी मोड में रहती है और उन वर्गों को हमेशा अपने पाले में करने की सोचती रहती है जो उनसे चुनावों में न जुड़ सके हों या वैचारिक रूप से दूरी बनाए रखे हैं। अब बीजेपी की नजर पसमांदा मुसलमानों (Pasmanda Muslims) पर है। इन ओबीसी मुस्लिम समाज (OBC Muslim community) के लोगों तक अपनी रीच बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार कुछ योजनाओं का ऐलान कर सकती है साथ ही संगठन के लोगों को उनको जोड़ने के लिए रणनीतिक रूप से सक्रिय करने भी जा रही है। दरअसल, मुस्लिम समाज में 80 प्रतिशत लोग दलित व ओबीसी वर्ग के हैं। भाजपा की नजर इन्हीं पसमांदा मुसलमानों पर है। 

मानसून सत्र के बाद बड़े पैमाने पर कार्यक्रम का ऐलान

हैदराबाद में रविवार को संपन्न हुई भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक (BJP National Executive meeting) के बाद, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार कुछ समुदायों के लोगों के लिए संसद के मानसून सत्र के बाद एक बड़े पैमाने पर आउटरीच कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। यह कार्यक्रम उन लोगों को ध्यान में रखकर शुरू किया जाएगा जो कभी बीजेपी के मतदाता नहीं रहे हैं।

यादव व मुसलमान बहुल क्षेत्र आजमगढ़ व रामपुर में जीत से हौसला बुलंद

दरअसल, यूपी में दो बड़ी उपलब्धि बीजेपी को उपचुनावों में मिली है। यहां आजमगढ़ (Azamgarh) व रामपुर (Rampur) की सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की है। आजमगढ़ मुसलिम व यादव बहुल क्षेत्र है। बीते विधानसभा चुनाव में हर जगह जीत हासिल करने वाली बीजेपी को सभी दस सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। इसके पहले भी यहां के कद्दावर नेता रमाकांत यादव के सुपुत्र की सीट को छोड़कर बीजेपी 2017 में सभी नौ सीटें हार गई थी। लेकिन बीते लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी ने आजमगढ़ को जीत लिया है। यहां से दिनेश लाल यादव निरहुआ पार्टी के सांसद निर्वाचित हुए हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव के भाई पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव यहां से चुनाव हारे हैं। इसी तरह रामपुर में भी बीजेपी ने जीत हासिल की है। जबकि आजम खान सपा को जीत दिलाने के लिए काफी मेहनत किए थे। 

यूपी अध्यक्ष ने पेश किया रिपोर्ट

यूपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने हाल ही में आजमगढ़ और रामपुर के उपचुनावों में राज्य में भाजपा के प्रदर्शन पर एक रिपोर्ट पेश किया था। उन्होंने इस रिपोर्ट में पार्टी की जीत के बारे में जानकारी दी थी। पीएम मोदी की मौजूदगी में पेश हुए रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर समाज के उन वर्गों को जोड़ने को कहा था जो पार्टी से अभी दूर हैं। पीएम ने कहा था कि पसमांदा मुसलमानों को जोड़ने और उनके उत्थान के लिए पहले करने की जरूरत है। यही समय की मांग है। 

स्नेह यात्रा पर पीएम मोदी ने दिया जोर

पीएम मोदी ने रविवार को अपनी पार्टी के नेताओं से पार्टी और वंचित वर्गों के लोगों, खासकर पसमांदा (ओबीसी) मुसलमानों के बीच मतभेदों को पाटने के लिए स्नेह यात्रा करने के लिए भी कहा था। हैदराबाद में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि लोगों को पता होना चाहिए कि पार्टी जन-समर्थक और विकास समर्थक सरकार है। पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को नए सामाजिक समीकरणों पर ध्यान केंद्रित करने और उनके उत्थान की दिशा में काम करने की सलाह दी।

पसमांदा मुसलमान करीब 80 प्रतिशत

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पसमांदा मुसलमान, जो मुस्लिम समुदाय का लगभग 80 प्रतिशत है, दलित और ओबीसी हैं। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार में दानिश अंसारी इस समुदाय का अकेला मुस्लिम चेहरा हैं। सूत्रों की मानें तो भाजपा अभियान शुरू करने के लिए एक कार्यक्रम तैयार कर रही है ताकि वे इस समुदाय तक पहुंच सकें और उनसे उनकी चिंताओं के बारे में समझ सकें। इस अभियान के दौरान यह भी विश्लेषण कर सकें कि वे हाल ही में संपन्न उपचुनावों में भाजपा को वोट देने का विकल्प क्यों चुनते हैं, भले ही उनके पास है परंपरागत रूप से भाजपा का वोट बैंक नहीं रहा है।

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