सार

राजस्थान में पिछले कई दिनों से कांग्रेस सरकार को लेकर सियासी खींचतान जारी है। गहलोल सरकार गिराने की कथित साजिश मामले में राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने ऐक्शन लिया। यहां तक कि इस मामले में पूछताछ के लिए एसओजी से मुख्यमंत्री गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट तक को नोटिस जारी कर दिया।

नई दिल्ली. राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से सियासी खींचतान जारी है। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार की शाम को जयपुर में राजभवन पहुंचे। वहां उन्होंने उनसे मुलाकात की और बहुमत होने का दावा भी किया है। मंत्री शांति धारीवाल ने टाइम्स ऑफ इंडिया से इस बात को कंफर्म कर किया है कि उन्होंने राज्यपाल को विधायकों की एक लिस्ट भी दी है, जिसमें कहा जा रहा है कि गहलोत सरकार को 101 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।

धारीवाल ने कही ये बात

संसदीय मंत्री शांति धारीवाल ने हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया से बात की और कहा कि सीएम अशोक गहलोत ने राज्यपाल को विधायकों की लिस्ट सौप दी है। साथ ही ये भी बताया कि मेजोरिटी की संख्या से ज्यादा उनके विधायकों की संख्या भी है। 200 असेंबली मेंबर्स में से गहलोत को 101 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इतना ही नहीं सीएम ने राज्यपाल से खुद फ्लोर टेस्ट के लिए अनुरोध किया है। धारीवाल ने बताया कि राज्यपाल से मुलाकात करने का मतलब यह नहीं है कि यह विधानसभा सत्र के लिए है।

विधानसभा का समीकरण

विधानसभा समीकरण के मुताबिक अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष को मिलाकर कांग्रेस के 100 विधायक अशोक गहलोत गुट पास हैं। भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो विधायकों के समर्थन देने के बाद अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों का आंकड़ा 102 हो जाता है। 200 सदस्यीय विधानसभा सभा में सरकार गठन के लिए 101 विधायकों का समर्थन आवश्यक है।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 72 विधायक हैं। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायक हैं। मतलब बीजेपी गठबंधन के पास कुल 75 विधायक हैं। जबकि, सचिन पायलट को कांग्रेस के 19 विधायकों का समर्थन हासिल है। तीन निर्दलीय विधायक हैं, और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का एक विधायक है। इस तरह पायलट खेमे में कुल 23 विधायक हैं।

कैसे शुरू हुआ सियासी खींचतान

बता दें कि राजस्थान में पिछले कई दिनों से कांग्रेस सरकार को लेकर सियासी खींचतान जारी है। गहलोल सरकार गिराने की कथित साजिश मामले में राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने ऐक्शन लिया। यहां तक कि इस मामले में पूछताछ के लिए एसओजी से मुख्यमंत्री गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट तक को नोटिस जारी कर दिया। सीएम पूछताछ के लिए राजी हो गए, जबकि सचिन पायलट इससे नाराज हो गए और अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा डाल दिया। 

मामला इतने पर ही शांत नहीं हुआ अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर बीजेपी के साथ मिलकर राज्य सरकार को गिराने का आरोप लगाया। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट को डिप्टी सीएम पद से हटाने का फैसला किया गया। उनके करीबी दो मंत्रियों को भी हटाने का निर्णय लिया गया था।