सार

कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर घमासान जारी है। इस मुद्दे पर पार्टी के नेता खुलकर अपनी बात रख रहे हैं। अब पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे और कांग्रेस नेता अनिल शास्त्री ने कहा, पार्टी के नेतृत्व में कुछ चीजों की कमी है। सबसे अहम बात ये है कि पार्टी के नेताओं के बीच बैठकें नहीं होती। 

नई दिल्ली. कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर घमासान जारी है। इस मुद्दे पर पार्टी के नेता खुलकर अपनी बात रख रहे हैं। अब पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे और कांग्रेस नेता अनिल शास्त्री ने कहा, पार्टी के नेतृत्व में कुछ चीजों की कमी है। सबसे अहम बात ये है कि पार्टी के नेताओं के बीच बैठकें नहीं होती। ना ही राज्यों से आने वाले नेताओं का वरिष्ठ नेताओं से मिलना आसान है। 

अनिल शास्त्री ने सोनिया और राहुल गांधी को लेकर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, राहुल और सोनिया गांधी अगर नेताओं से मिलना शुरू कर दें तो पार्टी की 50% समस्या खत्म हो जाएगी। 
 
ये अंत की शुरुआत- संजय झा
इससे पहले कांग्रेस से निलंबित नेता संजय झा ने वर्किंग कमेटी की बैठक को लेकर पार्टी पर तंज कसा। उन्होंने कहा, यह अंत की शुरुआत है। इससे पहले संजय झा ने दावा किया था कि पार्टी में 100 से ज्यादा नेताओं ने लीडरशिप में बदलाव को लेकर सोनिया को चिट्ठी लिखी है। 
 
कपिल सिब्बल बोले- ये पद की बात नहीं
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, 'यह एक पद के बारे में नहीं है। यह मेरे देश के बारे में हैं जो सबसे ज्यादा मायने रखता है।' 

क्या है मामला? 
कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर नेतृत्व में बदलाव की मांग की थी। इसी बीच सोमवार को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में चिट्ठी का मुद्दा छाया रहा। राहुल गांधी ने इस चिट्ठी को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए नेताओं पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाया। इस आरोप पर गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने नाराजगी जाहिर की।