सार

पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही है। हालांकि, सभी को वैक्सीन की उम्मीद नजर आने लगी है। ऐसे में भारत ने प्राथमिकता तय कर ली है। पहले चरण में देश में 31 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इनमें हेल्थवर्कर्स से लेकर हाई रिस्क वाले लोग शामिल होंगे। इसके लिए सरकार ने ब्लूप्रिंट भी बना लिया है। आईए जानते हैं कि किसे सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी। 

नई दिल्ली. पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही है। हालांकि, सभी को वैक्सीन की उम्मीद नजर आने लगी है। ऐसे में भारत ने प्राथमिकता तय कर ली है। पहले चरण में देश में 31 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इनमें हेल्थवर्कर्स से लेकर हाई रिस्क वाले लोग शामिल होंगे। इसके लिए सरकार ने ब्लूप्रिंट भी बना लिया है। आईए जानते हैं कि किसे सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी। 

भारत में कोरोना वैक्सीन किस तरीके से लगाई जाएगी, इसकी जिम्मेदारी डॉ. वीके पॉल के नेतृत्व वाली नेशनल वैक्सीन कमेटी को दी गई है। बताया जा रहा है कि इसके लिए कमेटी ने ब्लूप्रिंट भी तैयार कर लिया है। प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के. विजयराघवन ने विज्ञान मंत्रालय और द कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) की मीटिंग में बताया था कि भारत में 31 करोड़ लोगों को पहले चरण में मार्च से मई तक वैक्सीन लगाई जाएगी। सरकार ने इन लोगों की पहचान भी कर ली है। 

कब से लगेगी वैक्सीन?
हाल ही में भारत के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया था कि देश में 2021 की पहली तिमाही तक वैक्सीन लगाना शुरू होगा। 25 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की तैयारी है। जुलाई तक 40-50 करोड़ डोज उपलब्ध हो जाएंगे।

सबसे पहले किसे लगेगी वैक्सीन?
भारत में एक करोड़ हेल्थ वर्कर्स, राज्यों और केंद्र सरकार की पुलिस, फोर्सेस, होम गार्ड, सिविल डिफेंस के 2 करोड़ लोग हैं। इसके अलावा 50 साल से अधिक लोगों के 26 करोड़ लोग हैं। वहीं, 50 साल कम उम्र के हाई रिस्क ग्रुप के 1 करोड़ लोगों को भी वैक्सीन दी जाएगी। 

किस वैक्सीन पर भारत सरकार की नजर?
भारत को जिस कोरोना वैक्सीन से सबसे ज्यादा उम्मीद है, वह ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन है। कोविशील्‍ड वैक्सीन को बनाने के लिए भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने समझौता भी किया है। यह वैक्सीन 90% तक प्रभावी साबित हुई है। इस वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्र्रायल के नतीजे सोमवार को जारी किए गए थे। इसमें पता चला है कि यह टीका बिना लक्षण वाले संक्रमण के मामलों में वायरस के प्रसार को कम कर सकता है।

कितनी होगी कीमत?
यह वैक्सीन काफी किफायती है। कंपनी के मुताबिक, वैक्सीन की एक डोज की कीमत 3 से 5 डॉलर हो सकती है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया इस वैक्सीन की 100 करोड़ डोज बनएगा। कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने हाल ही में दावा किया था कि यह वैक्सीन जनवरी में लॉन्च हो सकती है। इसकी कीमत 225 रुपए के आसपास हो सकती है। यानी दो डोज करीब 500 रुपए में लगेंगी।

भारत में दो वैक्सीन पर और ट्रायल चल रहा है। इनमें से एक है भारत बायोटेक की Covaxin और दूसरी जायडस कैडिला की ZyCov-D। भारत सरकार इन दोनों वैक्सीन के ट्रायल पर नजर रख रही है। भारत सरकार को ऑक्सफोर्ड की कोविशील्‍ड और स्वदेशी Covaxin से सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं। क्योंकि इन दोनों वैक्सीन को आसानी से स्टोर और डिस्ट्रीब्यूट किया जा सकता है।