सार
देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने बताया कि एक्सपर्ट्स ने कोरोना की तीसरी वेव में बच्चों में संक्रमण अधिक होने की आशंका जताई है। लेकिन भारत में बच्चों के लिए दो वैक्सीन्स पर ट्रायल शुरू कर दिया गया है। पीएम के संबोधन के बाद सबकी जेहन में यह सवाल जरूर उठता होगा कि वह कौन सी दो वैक्सीन्स है जो बच्चों केलिए तैयार किया जा रहा है। आईए जानते हैं कि बच्चों के लिए कौन-सी दो वैक्सीन का ट्रायल हो रहा है।
नई दिल्ली। देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने बताया कि एक्सपर्ट्स ने कोरोना की तीसरी वेव में बच्चों में संक्रमण अधिक होने की आशंका जताई है। लेकिन भारत में बच्चों के लिए दो वैक्सीन्स पर ट्रायल शुरू कर दिया गया है। पीएम के संबोधन के बाद सबकी जेहन में यह सवाल जरूर उठता होगा कि वह कौन सी दो वैक्सीन्स है जो बच्चों केलिए तैयार किया जा रहा है। आईए जानते हैं कि बच्चों के लिए कौन-सी दो वैक्सीन का ट्रायल हो रहा है।
भारत बायोटेक को 2 से 18 साल उम्रवालों के लिए ट्रायल की अनुमति
दरअसल, भारत बायोटेक को ड्रग कंट्रोलर जनरल आॅफ इंडिया ने कोवैक्सीन का ट्रायल 2 साल से अधिक उम्र के बच्चों पर करने की अनुमति दे दी है। डीजीसीआई ने 2 से 18 साल तक के उम्र वालों के लिए वैक्सीन ट्रायल को कहा है। भारत बायोटेक यह ट्रायल 525 वालंटियर्स पर करेगा। इनमें 2 से 6 साल के 175 बच्चे, 6 से 12 साल के 175 बच्चे और 12 से 18 साल के 175 किशोरों को शामिल किया जाएगा। यह वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल फेज टू और थ्री होगा। 28 दिन के अंतराल में वैक्सीन का दो डोज दिया जाएगा। पटना और दिल्ली एम्स में ट्रायल शुरू हो चुका है।
जाइडस कैडिला भी कर रहा ट्रायल, भारत देगा दो हफ्तों में लाइसेंस
उधर, जाइडस कैडिला (Zydus Cadilla) वैक्सीन भी पहले से ही टेस्टिंग कर रहा है। जाइडस (Zydus) को अगले दो हफ्तों में भारत में लाइसेंस मिलने की उम्मीद है। डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट बच्चों के लिए वैक्सीन की जांच कर रहे हैं क्योंकि भारत में बच्चों में मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के मामले (एमआईएस-सी) आ रहे हैं। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक एंड इंटेंसिव केयर डेटा के अनुसार, उत्तर भारत में एमआईएस-सी के 100 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
नेजल वैक्सीन भी बच्चों के लिए सेफ
देश में भारत बायोटेक ने नेजल वैक्सीन का भी ट्रायल शुरू कर दिया है। नाक के रास्ते दिए जाने वाले इस वैक्सीन को बच्चों के लिए भी सेफ बताया जा रहा है।
सीरम इंस्टीट्यूट कर रहा प्लानिंग
सीरम इंस्टीट्यूट भी बच्चों को वैक्सीनेशन के लिए वैक्सीन की तैयारी कर रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट अक्तूबर तक वैक्सीन लाने की तैयारी में है। वह कोरोना से बचाव के लिए दवा भी विकसित करने की सोच रहा। हालांकि, अभी अधिकारित रुप से सीआईआई ने इसकी कोई घोषणा नहीं की है।
दुनिया में और कहां बन रही बच्चों के लिए वैक्सीन...
- माडर्ना ने अमेरिका में बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया है। इसके किडकोव अभियान नाम दिया गया है। मार्डना कनाडा में भी ट्रायल कर रहा है।
- फाइजर/बायोएनटेक भी कोरोना वैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल के लिए स्टडी कर रही है। फाइजर 16 साल से अधिक उम्र को वैक्सीन लगा रही है।
- जाॅनसन एंड जाॅनसन भी 12 साल से 18 साल के किशोरों के लिए वैक्सीन ट्रायल कर रही है।
- अमेरिका में नोवावैक्स कंपनी भी बच्चों के वैक्सीन के लिए ट्रायल कर रही।
- इजरायल में भी बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्रायल हो रहा है।
- ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका भी बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्रायल कर रहा है।
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