सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 जनवरी को देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान वे कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियों पर चर्चा करेंगे। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, सरकार सभी को वैक्सीनेशन सुनिश्चित करने की प्रक्रिया में है।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 जनवरी को देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान वे कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियों पर चर्चा करेंगे। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी।
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, सरकार सभी को वैक्सीनेशन सुनिश्चित करने की प्रक्रिया में है। जल्द ही देशभर में इस अभियान की शुरुआत की जाएगी।
देश में सभी राज्यों में चल रहा ड्राई रन
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, हमने 4 राज्यों में सबसे पहले ड्राई रन चलाया था। उसके बाद हमने 2 जनवरी को देश के लगभग 125 जिलों में ड्राई रन चलाया और आज हम 3 राज्य को छोड़कर ( जहां पहले ही ड्राई रन हो चुका है) सभी राज्यों में ड्राई रन चला रहे हैं।
अगले हफ्ते शुरू हो सकता है वैक्सीनेशन
इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर संकेत दिया गया था कि भारत में वैक्सीनेशन 13-14 जनवरी को शुरू किया जा सकता है। दरअसल, भारत मे डीजीसीआई ने 3 जनवरी को ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्शीन को मंजूरी दी थी। इसके बाद मंत्रालय ने कहा था कि 10 दिन बाद वैक्सीन रोलआउट हो सकती है।
भारत में इन दो वैक्सीन को मिली अनुमति
1- कोविशील्ड : कोविशील्ड कोरोना वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका ने बनाया है। ब्रिटेन, अर्जेंटीना और स्लावाडोर के बाद भारत चौथा देश है, जिसने कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है। कोविशील्ड को भारत की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने बनाया है। सीरम का दावा है कि कंपनी पहले ही 5 करोड़ डोज बना चुकी है। वहीं, कंपनी के 5-6 करोड़ वैक्सीन हर महीने बनाने की क्षमता है।
कितनी असदार है : 70.42%
कितनी डोज की जरूरत : वैक्सीन की 4-6 हफ्तों में दो फुल डोज कोरोना से निपटने के लिए प्रभावी हैं। इससे एक साल तक इम्यून रह सकता है। वैक्सीन को 2°C से 8°C तक स्टोर किया जा सकता है।
2- कोवैक्सिन : कोवैक्सिन को हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने तैयार किया है। कोवैक्सिन को कोरोनोवायरस के कणों का इस्तेमाल करके बनाया गया है, जो उन्हें संक्रमित या दोहराने में असमर्थ बनाते हैं। इन कणों की विशेष खुराक इंजेक्ट करने से शरीर में मृत वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने में मदद करके इम्यून का निर्माण होता है।
कितनी प्रभावी : डीजीसीआई के मुताबिक, कोवैक्सीन सुरक्षित और एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया प्रदान करता है। वैक्सीन का भारत में तीसरा ट्रायल अभी पूरा करना बाकी है और ऐसे में प्रभावकारिता दर सार्वजनिक नहीं की गई है।
कितनी डोज की जरूरत : इस वैक्सीन की भी 2 डोज दी जाएंगी। इसे 2-8° डिग्री सेल्सियस में स्टोर किया जा सकता है। भारत बायोटेक ने बताया था कि वैक्सीन की दो डोज 14 दिन के अंतराल में दी जाएंगी।