सार

जब-जब धर्म का नाश होता है, तब मैं अधर्म और अधर्मियों को खत्म करने के लिए खुद पैदा होता हूं। ये रूप जो तुम देख रहे हो वो मेरी माया है। तुम सब लोग डरो नहीं इसलिए मैं इस रूप में खड़ा हूं। मैं धर्म की रक्षा के लिए, अधर्मियों का नाथ करने के लिए, धर्म को स्थापित करने के लिए हमेशा धरती पर जन्म लूंगा। 

कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि वे कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं जो काफी प्राचीन है। कृष्ण कहते हैं कि मैंने ये सत्य सूर्य को बताया, उन्होंने अपने बेटे को बताया और उन्होंने इसे एक महान राजा को बताया। अर्जुन ने पूछा कि आप अभी यहां हैं तो आपने अनगिनत साल पहले सूर्य को कैसे बताया। मैं हमेशा से था। मैं अनंत हूं, मैं अनादि हूं और मैं सनातन हूं। मेरा कभी अंत नहीं होगा। इन तथ्यों का ज्ञान हो जाता है तो दुनिया में जो भी हो रहा है, उस सबका उसे ज्ञान हो जाता है। 

Deep Dive with Abhinav Khare

पसंदीदा श्लोक

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत |
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ||  
 
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् |
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ||

जब-जब धर्म का नाश होता है, तब मैं अधर्म और अधर्मियों को खत्म करने के लिए खुद पैदा होता हूं। ये रूप जो तुम देख रहे हो वो मेरी माया है। तुम सब लोग डरो नहीं इसलिए मैं इस रूप में खड़ा हूं। मैं धर्म की रक्षा के लिए, अधर्मियों का नाथ करने के लिए, धर्म को स्थापित करने के लिए हमेशा धरती पर जन्म लूंगा। 

यह अध्याय हमें बलिदान की अवधारणा से परिचित कराता है। हिंदू धर्मग्रंथों, विशेषकर वैदिक शास्त्रों में इसकी छोटी सी परीभाषा है। वास्तव में इसका अर्थ होता है कि आग के पास अनुष्ठान के तौर पर 

Abhinav Khare

यह अध्याय बलिदान को परिभाषित करता है। बलिदान हिंदू धर्मग्रंथों, विशेषकर वैदिक शास्त्रों में एक सूक्ष्म परिभाषा है। मूल रूप से, यह प्रसाद के तौर भोजन और जल को पवित्र अग्नि में अर्पित करना होता है।  संस्कृत में बलिदान को याचना कहा गया। इसका मतलब है पूजा। दोनों का लगभग एक ही मतलब है। इसके मुताबिक, वह कर्म जिसमें व्यक्ति को सत्यता और सच्चे कर्म का अनुभव हो। 

कृष्ण ने बताया कि भगवान तक पहुंचने के कई रास्ते हैं, लेकिन अर्जुन के लिए केवल एक कर्मयोग है। उन्होंने कहा कि जो वाकी रास्ते हैं वे भी कर्म के लिए प्राथमिक रास्ते हैं। भगवान तक पहुंचने का हर रास्ता कर्म से होकर ही जाता है। 

कौन हैं अभिनव खरे

अभिनव खरे एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ हैं, वह डेली शो 'डीप डाइव विथ अभिनव खरे' के होस्ट भी हैं। इस शो में वह अपने दर्शकों से सीधे रूबरू होते हैं। वह किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। उनके पास किताबों और गैजेट्स का एक बड़ा कलेक्शन है। बहुत कम उम्र में दुनिया भर के सौ से भी ज्यादा शहरों की यात्रा कर चुके अभिनव टेक्नोलॉजी की गहरी समझ रखते है। वह टेक इंटरप्रेन्योर हैं लेकिन प्राचीन भारत की नीतियों, टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और फिलॉसफी जैसे विषयों में चर्चा और शोध को लेकर उत्साहित रहते हैं। उन्हें प्राचीन भारत और उसकी नीतियों पर चर्चा करना पसंद है इसलिए वह एशियानेट पर भगवद् गीता के उपदेशों को लेकर एक सक्सेजफुल डेली शो कर चुके हैं।
अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में प्रासारित एशियानेट न्यूज नेटवर्क के सीईओ अभिनव ने अपनी पढ़ाई विदेश में की हैं। उन्होंने स्विटजरलैंड के शहर ज्यूरिख सिटी की यूनिवर्सिटी ETH से मास्टर ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की है। इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में एमबीए (MBA)भी किया है।