सार
प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने दिल्ली आबकारी नीति(Delhi excise policy) मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की अपनी जांच के सिलसिले में एक अन्य व्यवसायी अमित अरोड़ा को गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अरोड़ा गुरुग्राम स्थित बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक हैं।
नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने दिल्ली आबकारी नीति(Delhi excise policy) मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की अपनी जांच के सिलसिले में एक अन्य व्यवसायी अमित अरोड़ा को गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अरोड़ा गुरुग्राम स्थित बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक हैं। ईडी द्वारा इस मामले में यह छठी गिरफ्तारी है। ED ने बताया कि अरोड़ा को कल रात(29 नवंबर) को प्रिवेंशन आफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की क्रिमिनल सेक्शंस के तहत गिरफ्तार किया गया।
(तस्वीर पिछले दिनों की है, जब ईडी ने अमित अरोड़ा के घर छापा मारा था)
दो चार्ज शीट दाखिल की जा चुकी हैं
सूत्रों ने कहा कि अमित अरोड़ा को एक लोकल कोर्ट में पेश किए जाने की उम्मीद है, जहां एजेंसी उनकी हिरासत की मांग करेगी। प्रवर्तन निदेशालय का मामला CBI द्वारा FIR दर्ज करने के बाद से उपजा है। सीबीआई ने इस मामले में हाल ही में दायर चार्जशीट में दावा किया है कि अमित अरोड़ा, दो अन्य आरोपी दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडेय दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के करीबी सहयोगी हैं।
ईडी ने पिछले हफ्ते इस मामले में अपनी पहली चार्जशीट (prosecution complaint) भी दायर की थी, जिसमें गिरफ्तार व्यवसायी समीर महंदरू और कुछ अन्य संस्थाओं को नामजद किया गया था। दिल्ली शराब नीति केस में ईडी की पहली चार्जशीट में नाम नहीं होने पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कटाक्ष किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपी समीर महेंद्रू को नामजद करते हुए दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दायर की है। हालांकि, ईडी ने कहा कि बाद में और नाम जोड़े जाएंगे क्योंकि जांच अभी भी जारी है। क्लिक करके पढ़ें डिटेल्स...
एक अगस्त को कैंसल कर दी गई थी नई आबकारी नीति
दिल्ली में संचालित 468 निजी शराब की दुकानें 1 अगस्त से बंद कर दी गई थीं। दिल्ली के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। भाजपा ने आप सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पूछा था कि आप को जवाब देना चाहिए कि नीति के तहत लाइसेंसधारियों का कमीशन 2.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत क्यों किया गया? इस पर आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने जवाब दिया था किनई आबकारी नीति में ओपन टेंडर के माध्यम से पारदर्शी तरीके से लाइसेंस जारी किए गए। पुराने शासन में सरकार को 6,000 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होता था, जबकि नई आबकारी नीति से सरकार को पूरे वर्ष में 9,500 करोड़ रुपये का राजस्व मिलना तय था।
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