सार
Age criterion for admission to Kendriya Vidyalayas : केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश की आयु न्यूनतम 6 वर्ष रखी गई है। दिल्ली हाईकोर्ट में कुछ अभिभावकों ने एक याचिका दायर कर कहा कि इससे उन्हें अपने बच्चों के दाखिले के लिए एक साल का इंतजार करना होगा। हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा कि हम कुछ लोगों की समस्या के लिए नियम बदलने का आदेश नहीं दे सकते।
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्रीय विद्यालयों (केवी) की कक्षा एक में प्रवेश के लिए छह साल की न्यूनतम आयु मानदंड को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि इस मामले में विशेषज्ञों द्वारा निर्णय लिया गया है कि पहली कक्षा में प्रवेश के लिए प्रवेश छह वर्ष की उम्र होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और हम इस पर हस्तक्षेप करेंगे भी नहीं।
याचिकाकर्ताओं की असुविधा के लिए नियम नहीं बदल सकते
कोर्ट ने कहा कि सिर्फ याचिकाकर्ताओं की असुविधा के लिए नियम नहीं बदले जा सकते। दरअसल, कुछ अभिभावकों ने इस मामले में हाईकोर्ट का रुख किया है। इन अभिभावकों का कहना है कि उन्हें अपने बच्चों को केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए अगले शैक्षणिक वर्ष का इंतजार करना होगा। लेकिन कोर्ट ने कहा कि केवी को दिल्ली में स्कूल के नियम बदलने के लिए कोर्ट निर्देश देकर अपवाद नहीं बना सकता। अदालत ने कहा- इस तरह के किसी भी निर्देश का राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को लागू करने वाले राज्यों सहित देश भर में स्थित केंद्रीय विद्यालयों पर लागू आयु मानदंड पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि कक्षा- एक में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 6 वर्ष तय की गई है।
कई स्कूलों में पांच वर्ष न्यूनतम आयु की दलील
याचिकाओं में न्यूनतम आयु मानदंड को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि यह मनमाना, भेदभावपूर्ण, अन्यायपूर्ण है। इसे संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 21ए का उल्लंघन बताया गया था। दलीलों में कहा गया है कि प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से ठीक चार दिन पहले केवी ने दिशा-निर्देश अपलोड करके बदलाव किया, जबकि कई स्कूलों में 5 साल वाले आयु मानदंड अभी भी जारी हैं।
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केवी में पहली क्लास के लिए 7 लाख आवेदन
हालांकि, कोर्ट ने कहा कि कुछ स्कूलों में 5+ का आयु मानदंड अभी भी देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को पेश करने के बाद भी जारी है। इनका उद्देश्य है कि देश भर के केवी की सभी शाखाओं में प्रवेश मानदंड में एकरूपता आए। जस्टिस रेखा पल्ली ने यह भी कहा कि केवी को पहले ही कक्षा एक में प्रवेश के लिए 7 लाख आवेदन मिल चुके हैं। ये आवेदक 6 से 7 साल के बीच के हैं। इसलिए अगर 5 साल के बच्चों को अब शामिल होने की अनुमति दी जाती है, तो इससे भारी असंतुलन पैदा हो जाएगा। यह अव्यावहारिक होगा। कोर्ट ने कहा कि आयु सीमा घटाने से न केवल पाठ्यक्रम पर फिर से काम करना होगा, बल्कि 5 साल के बच्चों के साथ 7 साल तक के बच्चों का प्रवेश अवांछनीय होगा। इस तथ्य के साथ कोर्ट ने याचिकाएं खारिज दीं।
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