सार
गुजरात ATS ने मुंद्रा बंदरगाह के पास 350 करोड़ रुपये से अधिक की हेरोइन जब्त की। ऐसा पहली बार नहीं है। मुंद्रा पोर्ट से पहले भी कई बार ड्रग्स पकड़े गए हैं। यह ड्रग्स की खेप अफगानिस्तान या अन्य दूसरे देशों से यहां लाई जाती है। हालांकि कड़ी चेकिंग के चलते लगातार ड्रग्स की खेप पकड़ी जा रही है।
अहमदाबाद. गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ते(Gujarat Anti-Terrorist Squad) ने कच्छ जिले के मुंद्रा बंदरगाह( Mundra port) के पास एक कंटेनर से करीब 70 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है। इसकी कीमत 350 करोड़ रुपये से अधिक बताई जाती है। ATS के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि सर्च ऑपरेशन अभी जारी है, इसलिए जब्त की गई ड्रग्स की मात्रा और कीमत में इजाफा हो सकता है।
एक शिपिंग कंटेनर की तलाशी में मिली ये ड्रग्स
एक स्पेसिफिक टिप मिलने के बाद एटीएस ने एक शिपिंग कंटेनर की तलाशी ली। यह कुछ समय पहले दूसरे देश से आया था। यह बंदरगाह के बाहर एक कंटेनर फ्रेट स्टेशन(freight station) पर रखा गया था। यहां से इम्पोर्ट या एक्सपोर्ट कंटेनर को आगे के लिए भेजा जाता है। अधिकारी ने बताया कि एटीएस को कार्गो में करीब 70 किलो हेरोइन छुपा हुआ मिला। एटीएस और राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) सहित विभिन्न राज्य और केंद्रीय एजेंसियों ने हाल के दिनों में अन्य देशों से गुजरात बंदरगाहों पर पहुंचने वाले शिपिंग कंटेनरों से करोड़ों रुपये की दवाएं जब्त की हैं।
लगातार जब्त की जा रही ड्रग्स
डीआरआई ने पिछले साल सितंबर में मुंद्रा बंदरगाह पर दो कंटेनरों से लगभग 3,000 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी। उसके बारे में माना जाता है कि यह अफगानिस्तान में तैयार हुई थी। इसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत लगभग 21,000 करोड़ रुपये आंकी गई थी। यह देश में पकड़ी गई अब तक की सबसे बड़ी ड्रग्स सप्लाई मानी जाती है। अफगानिस्तान से रवाना यह खेप 13 सितंबर को ईरान के बंदर अब्बास बंदरगाह से गुजरात रवाना के लिए निकली थी। इसे आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा पहुंचाया जाना था।
इस साल मई में डीआरआई ने मुंद्रा बंदरगाह के पास एक कंटेनर से 56 किलोग्राम कोकीन जब्त की, जिसकी कीमत लगभग 500 करोड़ रुपये थी।
अप्रैल में डीआरआई ने कच्छ में कांडला बंदरगाह के पास एक कंटेनर से 1,439 करोड़ रुपये की 205.6 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी।
इसी अवधि के आसपास गुजरात एटीएस और डीआरआई ने एक ज्वाइंट ऑपरेशन में एक शिपिंग कंटेनर से 450 करोड़ रुपये मूल्य की लगभग 90 किलोग्राम हेरोइन बरामद की थी, जो ईरान से अमरेली जिले के पिपावाव बंदरगाह पर पहुंची थी।
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के बाद बढ़ा नशे का कारोबार
अफगानिस्तान में पिछले साल 15 अगस्त को तालिबान के कब्जे के बाद नशे का कारोबार बढ़ गया है। एक्सपर्ट पहले ही चेता चुके हैं कि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद वहां फिर से ड्रग्स तस्करी जोर पकड़ेगी। अफगानिस्तान के दक्षिण पूर्वी सीमांत प्रांतों में देश की 80 प्रतिशत अफीम पैदा होती है। यहीं से तीन चौथाई हीरोइन दुनियाभर में तस्करी की जाती है। एक आकलन के अनुसार, कई बार तो 100 प्रतिशत हेरोइन रूस को सप्लाई हो जाती है। यूरोप को 65 से 70 प्रतिशत हेरोइन जाती है। जहां तक भारत की बात है, तो आमतौर पर भारत में अफगानिस्तान की हेरोइन पंजाब के रास्ते भेजी जाती है।
एक आकलन के अनुसार भारत में 1.3 करोड़ लोग हेरोइन का नशा करते हैं। यानी हर रोज 1000 किलो हेरोइन खप जाती है। यह अफगानिस्तान के अलावा पाकिस्तान और ईरान से आती है। हेरोइन मार्फिन(morphine) से बनी एक इलीगल ड्रग है। एक बार इसकी लत लग जाए, तो फिर छूटना मुश्किल हो जाता है।
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