सार
ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर को बीते दिनों पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद अरेस्ट कर लिया था। धर्म संबंधित विवादित ट्वीट करने के आरोप मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी को लेकर कई मानवाधिकार संगठनों ने आपत्ति जताई है। जर्मनी ने गुरुवार को जुबैर की गिरफ्तारी पर कड़ी टिप्पणी की है।
नई दिल्ली। ऑल्ट न्यूज (Alt News) के को-फाउंडर व फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair)की गिरफ्तारी को लेकर जर्मन विदेश मंत्रालय (German Foreign ministry) की तल्ख टिप्पणियों पर भारत सरकार ने आपत्ति जताई है। सरकार ने इसे आतंरिक मुद्दा बताते हुए बाहरी हस्तक्षेप की आलोचना करने के साथ कहा कि कोर्ट में यह मामला है और इस पर किसी प्रकार की टिप्पणी की आवश्यकता नहीं है।
यह हमारा आतंरिक मामला
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा कि यह हमारा आंतरिक मामला है। मामला अदालत के समक्ष है। हमारी कानूनी व्यवस्था स्वतंत्र है। इस पर कोई भी टिप्पणी अनुपयोगी है। यह सही नहीं है।
हम मामले में बारीकी से निगरानी कर रहे
जर्मन विदेश मंत्रालय ने मोहम्मद जुबैर की नजरबंदी पर तीखे शब्दों का इस्तेमाल किया था। जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि मुफ्त रिपोर्टिंग किसी भी समाज के लिए फायदेमंद है और प्रतिबंध चिंता का कारण हैं। पत्रकारों को उनके कहने और लिखने के लिए सताया और कैद नहीं किया जाना चाहिए। हम वास्तव में इस विशिष्ट मामले से अवगत हैं और नई दिल्ली में हमारा दूतावास इसकी बहुत बारीकी से निगरानी कर रहा है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ की भारत के साथ मानवाधिकार वार्ता चल रही है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता, उन चर्चाओं का केंद्र बिंदु है।
जर्मन प्रवक्ता ने कहा कि भारत खुद को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताता है। इसलिए कोई भी उम्मीद कर सकता है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक मूल्यों को वहां आवश्यक स्थान दिया जाएगा।
चार साल पहले की ट्वीट पर हुई है गिरफ्तारी
फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के कोफ़ाउंडर मोहम्मद जुबैर को 27 जून को 2018 के एक ट्वीट पर दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था। 2 जुलाई को, पुलिस ने जुबैर के खिलाफ फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट के तहत एक अतिरिक्त आरोप जोड़ा और उन्हें 14 दिनों के लिए हिरासत में भेज दिया गया। नफरत फैलाने वाले तीन हिंदू कट्टरपंथियों को नफरत करने वाला कहने के लिए 4 जुलाई को उनके खिलाफ यूपी में एक और मामला दर्ज किया गया था। गुरुवार को फिर से 14 दिन की हिरासत में भेज दिया गया। जुबैर ने जान से मारने की धमकी का हवाला देते हुए जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
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