सार

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग को लेकर किसान संगठन 31 जनवरी को ‘विश्वासघात दिवस’ के रूप में मनाने जा रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि विश्वासघात दिवस पूरे देश में मनाया जाएगा। हमारी मांग है कि केंद्र सरकार अपना वादा निभाए और जल्द से जल्द एमएसपी के लिए कानून बनाए। 

नई दिल्ली। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की मांग को लेकर किसान संगठन 31 जनवरी को ‘विश्वासघात दिवस’ के रूप में मनाने जा रहे हैं। सोमवार को किसान विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस संबंध में किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि केंद्र ने एमएसपी के लिए कानून बनाने का वादा किया था, जो पूरा नहीं हुआ।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि विश्वासघात दिवस पूरे देश में मनाया जाएगा। हमारी मांग है कि केंद्र सरकार अपना वादा निभाए और जल्द से जल्द एमएसपी के लिए कानून बनाए। केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान इस संबंध में वादा किया था। इसके साथ ही हमारी मांग है कि आंदोलन के दौरान जिन किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे, वे मुकदमे वापस लिए जाएं।

राकेश टिकैत ने इस संबंध में ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, ''सरकार द्वारा किसानों से वादाखिलाफी के खिलाफ 31 जनवरी को देशव्यापी "विश्वासघात दिवस" मनाया जाएगा। सरकार के 9 दिसंबर के जिस पत्र के आधार पर आंदोलन स्थगित किया गया था, सरकार ने उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है।

 

एक साल तक चला था किसान आंदोलन
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने आंदोलन किया था। किसानों का आंदोलन एक साल चला। किसान कृषि कानून वापस लिए जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर बैठे रहे थे। किसानों के आंदोलन के चलते केंद्र सरकार पीछे हटने को मजबूर हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। इसके बाद आंदोलन खत्म हुआ था। किसानों ने आंदोलन खत्म करने के लिए एमएसपी कानून की मांग की थी। किसानों का कहना है कि केंद्र ने तब जल्द ही एमएसपी कानून बनाने की बात कही थी, लेकिन अब तक ऐसा नहीं किया गया है।

 

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