सार
सरकार के सुधार के एजेंडे के तहत बुधवार को पीएम मोदी ने मंत्रियों की बैठक ली। इसमें उन्होंने मंत्रियों को शासन संबंधी मुद्दों की जानकारी रखने को कहा और बेवजह के कानूनों को खत्म कराने की दिशा में आगे बढ़ने की अपील की। मोदी सरकार अब तक कई निरर्थक कानून निरस्त कर चुकी है।
नई दिल्ली। पीएम मोदी ने बुधवार को अपने कैबिनेट सदस्यों को कई मुद्दों पर सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि आपके पास अपने मंत्रालयों के अलावा भी शासन संबंधी मुद्दों की व्यापक स्तर पर जानकारी होनी चाहिए। मोदी ने मंत्रियों के सुझाव दिया कि वे अपने मंत्रालयों से बेकार के और निर्थक कानूनों का पता लगाएं और उन्हें हटाने की कोशिश करें। सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी ने मंत्रियों से कहा कि वे सभी सरकारी योजनाओं के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन के लिए हरसंभव कदम सुनिश्चित करें।
छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से दूर करने की सिफारिश
बैठक में मोदी को कई कानूनों के संबंध में प्रेजेंटेशन दिया गया। इसमें कुछ छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने सहित कई प्रेजेंटेशन शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि लगभग चार घंटे चली बैठक के दौरान कुल पांच प्रेजेंटेशन दिए गए।
पांच एजेंडों को लेकर हुई बैठक
इस बैठक के एजेंडे में पांच विषय थे। इसके तहत देश के हर जिले में 75 'अमृत सरोवर' बनाने की तैयारी, स्वायत्त निकायों को युक्तिसंगत बनाना, अपराधों का अपराध की श्रेणी से बाहर करना और क्षमता निर्माण आयोग का गठन करना शामिल है। बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि मंत्री अपने मंत्रालयों को आंवटित किए गए बजट का पूरा इस्तेमाल करने की दिशा में काम करें। मोदी ने यह सुझाव भी दिया कि उन्हें शासन संबंधी मुद्दों पर चर्चा के लिए 6 हफ्ते में कम से कम एक बैठक करनी चाहिए, जिससे विचारों का आदान-प्रदान होगा और शासन चलाने में जरूरी मश्विरा भी हो सकेगा।
अमृत सरोवर जल संरक्षण का महत्वपूर्ण उपाय
अमृत सरोवर योजना 2022-23 के बजट की योजना है। यह पहल सरकार का जल संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम है। इसके तहत आजादी के 75वें वर्ष का उत्सव मनाने के लिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव' के हिस्से के रूप में हर जिले में 75 जल संरचनाओं का निर्माण और इनका पुनरोद्धार कराना है। पीएम मोदी के इस संकल्प पर मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई प्रदेश इस पर काम शुरू भी कर चुके हैं। बताते चलें कि सरकार समय-समय पर केंद्रीय मंत्रियों की इस तरह की बैठकें बुलाती है, ताकि शासन से संबंधित व्यापक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जा सके।
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