सार
हरियाणा विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही बीजेपी अपने मिशन में जुट गई है। इस बार के चुनाव में बीजेपी ने 75 प्लस सीटें जीतने का टारगेट रखा है और जिताऊ प्रत्याशी को लेकर थिंक टैंक मंथन में जुट गया है।
चंडीगढ़. हरियाणा विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही बीजेपी अपने मिशन में जुट गई है। इस बार के चुनाव में बीजेपी ने 75 प्लस सीटें जीतने का टारगेट रखा है और जिताऊ प्रत्याशी को लेकर थिंक टैंक मंथन में जुट गया है। रविवार को नई दिल्ली में बीजेपी प्रदेश चुनाव समिति की बैठक हुई, जिसमें टिकट फाइनल करने को लेकर सभी सदस्यों से सुझाव लिए गए। इसके बाद हरियाणा की कुल 90 में से 20 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां प्रत्याशी के नाम को लेकर पार्टी ने अपना ट्रंप कार्ड बचा कर रखा है। विपक्ष के प्रत्याशी के नाम सामने आने के बाद ही बीजेपी अपने पत्ते खोलना चाहती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका से लौटने के बाद 29 सितंबर को बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक हो सकती है, जिसमें हरियाणा के टिकटों पर अंतिम मुहर लग सकती है। बीजेपी ने 60 सीटों पर तीन-तीन दावेदारों के पैनल तैयार किए हैं, जबकि करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और टोहाना में प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के एक-एक नाम ही लिस्ट में हैं।
ऐसे में हरियाणा की 20 विधानसभा सीटें ऐसी भी हैं, जहां प्रत्याशी के नाम को लेकर बीजेपी लगातार मंथन कर रही है। ये वो सीटें हैं जिनमें से कुछ सीटों पर कई मजबूत उम्मीदवार टिकट की डिमांड कर रहे हैं। जबकि कुछ सीटें ऐसी भी हैं, जहां विरोधी राजनीतिक दलों कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवारों को देखकर बीजेपी अपने उम्मीदवार के नाम फाइनल करना चाहती है। कालका सीट पर बीजेपी ने कांग्रेस के उम्मीदवार को देखकर अपनी टिकट घोषित करेगी। प्रदीप चौधरी और चंद्रमोहन बिश्नोई यहां कांग्रेस के दावेदार माने जा रहे हैं। इसी सीट से बीजेपी की लतिका शर्मा फिलहाल विधायक हैं, इस बार उनके साथ-साथ विशाल सेठ और चंद्रप्रकाश कथूरिया भी टिकट की दावेदारी कर रखा है। यहां शामलाल जांगड़ा और पाल्ले राम गुर्जर भी टिकट मांग रहे हैं। हालांकि कथूरिया की नजर इंद्री विधानसभा सीट पर भी है।
ऐसे ही सफीदो सीट पर भाजपा के पास कई मजबूत उम्मीदवार हैं. फतेहाबाद सीट पर दूड़ा राम के नाम पर विचार चल रहा है। कलायत में रामपाल माजरा मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं, जबकि सिरसा सीट पर बीजेपी के पास तीन मजबूत दावेदार हैं।
पिहोवा विधानसभा सीट पर बीजेपी उलझी हुई है। पार्टी यहां से किसी सिख समुदाय या गैर सिख को लेकर फंसी हुई है। असंध विधानसभा सीट पर भी पार्टी सिख उम्मीदवार को लेकर असमंजस में फंसी हुई है। जबकि बीजेपी समालखा सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित होने का इंतजार कर रही है। ऐसे ही बरवाला में बीजेपी यह देख रही कांग्रेस किसी जाट को उतारती है या गैर जाट पर दांव खेलती है।
बाढ़ड़ा सीट पर बीजेपी का कब्जा है और यहां से बबीता फौगाट चुनावी किस्मत आजमाना चाहती हैं। हालांकि वह दादरी से भी लड़ाने की संभावना तलाश रही हैं, ऐसे में बीजेपी के सामने इन दोनों सीटों पर कई मजबूत दावेदार नजर आ रहे हैं, जिसके चलते बीजेपी किसी एक नाम पर सहमत नहीं हो रही।
तोशाम विधानसभा सीट कांग्रेस की किरण चौधरी चुनाव लड़ेंगी, बीजेपी इस सीट पर जाट, पिछड़ा और ब्राह्मण में से किसे एक लड़ाने के लिए मंथन कर रही हैं। हालांकि यहां से बीजेपी के सांसद धर्मबीर अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे हैं। साथ ही ओबीसी समुदाय के पाल्ले राम गुर्जर और ब्राह्मण समुदाय के मुकेश गौड़ भी मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। बहादुरगढ़ विधानसभा सीट पर दुष्यंत चौटाला की जेजेपी और इनेलो के उम्मीदवारों के बाद ही बीजेपी अपना पत्ते खोलना चाहती है। कोसली, गुरुग्राम और सोहना सीट पर बीजेपी के कई मजबूत दावेदार नेता टिकट के लाइन में हैं। हथीन विधानसभा सीट पर नाम को लेकर अभी भी बीजेपी उलझी हुई है। पलवल और पृथला और नलवा सीट पर भी बीजेपी विपक्ष के कैंडिडेट के बाद भी अपना प्रत्याशी उतारना चाहती है।