सार

भारत, पाकिस्तान में गर्मी लगातार बढ़ रही है। दिल्ली में 49.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। पाकिस्तान में हीट वेव ने लोगों की जान भी ले ली है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे पहले भी गर्मी थी लेकिन पहले लोग जागरूक थे। भारत में 51 डिग्री सेल्सियस भी गर्मी रही है। 

नई दिल्लीः भारत में गर्मी अपने चरम पर है। हीट वेव चल रहा है। मौसम विभाग लगातार लू चलने की चेतावनी दे रहे हैं। दिल्ली के मुंगेशपुर में पारा 49.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इसके अलावा पूरे भारत में कई जगहों से हाई टेंप्रेचर की खबरें आयी। सिर्फ भारत ही नहीं, पाकिस्तान के सिंध प्रात, पंजाब प्रांत में भी पारा 48 डिग्री तक दर्ज किया गया। जलवायू वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले दो महीनों में भारत और पकिस्तान में विनाशकारी गर्मी देखने को मिली है। पारा इतना अधिक है कि लोग झुलस रहे हैं। दक्षिण एशियाई इलाकों में हीटवेव अपना कहर दिखा रहा है। भारत और पाकिस्तान में इस वक्त धूप लोगों को बीमार कर रहा है। 

भारत में गर्मी (IMD के अनुसार )
मुंगेशपुर (दिल्ली)49.2
नजफगढ़ (दिल्ली)49.1
बांदा (उत्तर प्रदेश)49.0
गुरुग्राम (हरियाणा)48.1
चुरु (राजस्थान)47.9
पिलानी (राजस्थान)47.7
झांसी (उत्तर प्रदेश)47.6
गंगानगर (राजस्थान)47.6
नरनौल (हरियाणा)47.5
खजूराहो (एमपी)47.4

 

जानलेवा है हीट वेव
भारत और पाकिस्तान के ज्यादातर हिस्सों में मार्च से ही गर्मी देखने को मिली है। 100 करोड़ से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हैं। मार्च और अप्रैल से ही 40 डिग्री सेल्सियस पारा देखने को मिला है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार साल का अभी गर्म महीना आना बाकि है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हीट वेव जानलेवा साबित हो सकते हैं। इससे ज्यादातर बुजुर्ग प्रभावित हो सकते हैं। हीट वेव से किडनी व पेट से जुड़ी कई बीमारियां हो सकती हैं। इसके लिए धूप से बचना, ओआरएस का घोल और पानी समय-समय पर पीना जरूरी है। 

पाकिस्तान में गर्मी
जाकोबाबाद48.3
नवाबशाह47.5
मोएनजो दारो48.1
पेशावर45.7


भारत में 50 डिग्री से ऊपर पारा
10 मई 1956 में राजस्थान के अलवर में 50.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस वक्त देश का सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया था। जबकि आईएमडी ने कहा था कि एक एवरेज तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रहेगा। लेकिन 64 साल के बाद राजस्थान जोधपुर के फलोडी में रिकॉर्ड तोड़ 51 डिग्री सेल्सियस टेंप्रेचर दर्ज किया गया था। इस साल राजस्थान में इस कदर गर्मी पड़ी थी कि लोग झुलसने लगे थे. 

गर्मी में यह समस्या भी बढ़ी
भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार, 1980 के बाद से भारत में हीट वेव मृत्यु दर में अब तक 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। एक जानकारी के अनुसार गर्मी का सबसे ज्यादा बुरा असर कृषि, ऊर्जा उत्पादन और पानी पर पड़ रहा है। हलवा की गुणवत्ता खराब हुई है और बड़े पैमाने पर आग लगने का खतरा बढ़ा है। बिजली की डिमांड भी तेजी से बढ़ी है। जिसके कारण कई बार ब्लैकआउट भी देखने को मिलता है। जबकि मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह कोई अचंभा बात नहीं है। वैज्ञानिकों का दावा है कि ऐसी आपदाओं के बारे में लगातार चेतावनी दी जाती रही है लेकिन लोग अभी भी इसे नहीं समझ रहे हैं।