सार
स्काईरूट एयरोस्पेस कंपनी हैदराबाद में रॉकेट डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग और टेस्टिंग फैसिलिटी स्थापित करेगी। स्काईरूट एयरोस्पेस 18 नवंबर 2022 को अपने पहले रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था।
हैदराबाद। सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री के लिए प्रसिद्ध हैदराबाद अब एयरोस्पेस की दुनिया में भी अपनी पहचान बनाएगा। स्काईरूट एयरोस्पेस कंपनी ने यहां रॉकेट डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग और टेस्टिंग फैसिलिटी स्थापित करने का फैसला किया है। तेलंगाना के उद्योग और वाणिज्य मंत्री के.टी. रामा राव ने इसपर खुशी व्यक्त की है।
स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा विक्रम-एस रॉकेट के सफल प्रक्षेपण का जश्न मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में केटीआर शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मैंने स्टार्टअप के को-फाउंडर पवन चंदना और भरत डाका को पूरी तरह से समर्थन देने का वादा किया है। दरअसल, स्काईरूट एयरोस्पेस 18 नवंबर 2022 को अपने पहले रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। यह भारत के किसी प्राइवेट कंपनी द्वारा किया गया पहला रॉकेट लॉन्च था।
Subscribe to get breaking news alerts
स्पेसटेक राजधानी बने हैदराबाद
केटीआर ने कहा कि दुनिया भर में कुछ ही कंपनियों ने रॉकेट साइंस में महारत हासिल की है। स्काईरूट के रॉकेट ने पहली बार में ही सफलता हासिल की। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धी है। मंत्री ने इस दौरान बच्चों को कुछ नया करने के लिए बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया।
यह भी पढ़ें- डॉ.सत्येंद्र जैन को तिहाड़ जेल में नहीं मिलेगा स्पेशल खाना, धार्मिक आस्था के अनुरूप भोजन मांग रहे थे मंत्री
केटीआर ने कहा कि मैं पिछले दिनों जापान गया था। मैं सुजुकी के मुख्यालय में स्थित एक म्यूजियम में गया। वहां कुछ स्कूली बच्चे आए थे। म्यूजियम में एक वेंडिंग मशीन थी। बच्चे मशीन की मदद से अपनी पसंद की खिलौना कार कस्टमाइज कर सकते थे। इस प्रक्रिया से बच्चे सीखते हैं कि कार कैसे बनाई जाए। अगर डिजाइन थिंकिंग के प्रति आकर्षण बचपन से ही विकसित हो जाए तो ऐसे बच्चे ऐसा प्रोडक्ट तैयार कर सकते हैं, जिससे प्रति लोग आकर्षित होंगे। बच्चों को इस तरह सिखाना हमारे सिस्टम में नहीं है। मंत्री ने कहा कि वह हैदराबाद को भारत की स्पेसटेक राजधानी के रूप में देखना चाहते हैं। राज्य सरकार ने पहले ही स्पेस टेक नीति शुरू कर दी है।
यह भी पढ़ें- सर्प मंदिर में सांप के सामने तीन बार लपलपाया जीभ, गुस्साए सांप ने दी ऐसी सजा कि कभी बोल नहीं पाएगा