सार
रक्षा मंत्रालय की एक हाईलेवल कमेटी टैंक्स खरीदी के प्रस्ताव पर मुहर लगाएगी। इन टैंक्स को चीन की सीमा पर तैनात किया जाना है। यह सारी खरीददारी मेक इन इंडिया के तहत की जाएगी।
Indo-China border: भारत-चीन विवाद के बीच देश के रक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। मेक इन इंडिया के तहत भारतीय सेना के लिए 354 लाइट टैंक्स खरीदा जा सकता है। यह लाइट टैंक्स भारत-चीन की सीमा पर तैनात किया जाएगा। सेना ने अपने भविष्य के इस नए साथी के बारे में जानकारियों को साझा किया है।
इस महीने पास किया जाएगा महत्वपूर्ण निर्णय के लिए प्रस्ताव
लाइट टैंक्स खरीदने के लिएए इस सप्ताह के आखिर में रक्षा मंत्रालय विचार करेगा। बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्रालय की एक हाईलेवल कमेटी टैंक्स खरीदी के प्रस्ताव पर मुहर लगाएगी। इन टैंक्स को चीन की सीमा पर तैनात किया जाना है। यह सारी खरीददारी मेक इन इंडिया के तहत की जाएगी। सरकारी सूत्रों की मानें तो रक्षा मंत्रालय की हाई लेवल कमेटी 354 लाइट टैंक्स की खरीदी पर चर्चा कर चुकी है। अब बस उस पर अंतिम सहमति जताई जानी है।
'जोरावर' की तैनाती से चीन भी खाएगा खौफ
भारतीय सेना ने अपने भविष्य के लाइट टैंक के लिए स्पेसिफिकेशंस जारी किए हैं। सेना ने लाइट टैंक की खूबियां को जारी करने के साथ इसे एक नाम भी दिया है। सेना में शामिल होने वाला यह टैंक, 'जोरावर' से जाना जाएगा। दरअसल, टैंक का नाम दिग्गज जनरल के नाम पर रखा गया है जिन्होंने तिब्बत में कई सफल जीत का नेतृत्व किया है। यह अब चीनी सेना के नियंत्रण में है। यह लाइट टैंक मध्यम युद्ध टैंक से अलग है और यह मैदानी, अर्ध रेगिस्तान या रेगिस्तानी क्षेत्र में पूर्णतया उपयोगी है। साथ ही साथ यह लाइट टैंक जोरावर, उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र (एचएए), सीमांत इलाकों और द्वीप क्षेत्रों में भी किसी प्रकार की इमरजेंसी में उपयोगी साबित हो सकेगा।
सीमा पर टैंक्स की तैनाती से विरोधी पर असर
दरअसल, भारतीय सेना को ऑपरेशनल एरिया में पर्याप्त संख्या में टी-72 और टी-90 टैंकों को शामिल करना पड़ा था, इससे विरोधी पर सामरिक प्रेशर पड़ा और वह मजबूरीवश पीछे हटने को मजबूर हुआ। हालांकि, इन टैंक्स के लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यह मुख्य रूप से मैदानी और रेगिस्तानी इलाकों में संचालन के लिए डिजाइन किए गए हैं लेकिन इनको प्रतिकूल परिस्थितियों वाले मोर्चे पर भी तैनात करना पड़ता है। वैसे लाइट टैंक्स के शामिल होने के बाद तमाम तरह की दिक्कतों से निजात मिलने के साथ ही सैन्य ताकत में भी अप्रत्याशित बढ़ोतरी होगी।
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