सार
7 मई को इंडिगो (IndiGo) के एक अधिकारी ने दिव्यांग बच्चे को विमान में चढ़ने से रोक दिया था। डीजीसीए ने मामले की जांच के बाद कहा कि एयरलाइंस ने खास जरूरत वाले बच्चे के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया।
नई दिल्ली। 7 मई को इंडिगो (IndiGo) एयरलाइंस के कर्मचारियों ने एक दिव्यांग बच्चे को विमान में चढ़ने से रोक दिया था। इसके चलते बच्चे के माता-पिता को काफी परेशानी हुई थी। मामले के तूल पकड़ने के बाद भारत के विमानन नियामक डीजीसीए (Directorate General of Civil Aviation) ने घटना की जांच की। डीजीसीए ने जांच के बाद कहा है कि इंडिगो के कर्मचारियों ने रांची हवाई अड्डे पर एक दिव्यांग बच्चे को अनुचित तरीके से संभाला था।
डीजीसीए ने एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस भेजा है और पूछा है कि गैर-अनुपालन के लिए उनके खिलाफ उपयुक्त प्रवर्तन कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। डीजीसीए की जांच समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। निष्कर्ष प्रथम दृष्टया इंडिगो कर्मचारियों द्वारा यात्रियों के अनुचित संचालन का संकेत देते हैं। एयरलाइन को अगले दस दिनों के भीतर नोटिस का जवाब देना होगा। समय सीमा 26 मई को समाप्त हो रही है। डीजीसीए ने कहा कि इंडिगो की प्रतिक्रिया के बाद कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
यह है मामला
इंडिगो के एक प्रबंधक ने 7 मई को रांची हवाई अड्डे पर एक दिव्यांग बच्चे के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया था। घटना का एक चश्मदीद गवाह सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला प्रकाश में आया। इस मामले में एयरलाइंस ने एक बयान भी जारी किया था।घटना के समय मौके पर मौजूद अभिनंदन मिश्रा के अनुसार बच्चे को हवाई अड्डे पर कार की सवारी करने में असहजता थी और बोर्डिंग गेट पर पहुंचने पर वह काफी तनाव में था। हालांकि उसके माता-पिता ने स्थिति को नियंत्रित किया था।
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बोर्डिंग के समय इंडिगो के एक प्रबंधक ने परिवार को चेतावनी दी कि बच्चे को तब तक विमान में चढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी जब तक कि बच्चा 'सामान्य रूप से' व्यवहार नहीं करता। मैनेजर यहीं नहीं रुके। उन्होंने कथित तौर पर घोषणा की कि विशेष रूप से दिव्यांग बच्चा अन्य यात्रियों के लिए एक जोखिम है।
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