सार
दंगाइयों की अवैध मकानों-दुकानों के खिलाफ जारी बुल्डोजर की कार्रवाई को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में कार्रवाई पर लगी रोक बरकरार रखी है। इस मामले में अब दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में रोक लगाने से इनकार किया।
नई दिल्ली. देश में रामनवमीं और हनुमान जयंती पर पथराव करने वाले दंगाइयों के खिलाफ भाजपा सरकारें सख्त एक्शन ले रही हैं। इस समय सबकी नजरें हनुमान जयंती पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा (Jahangirpuri violence) के बाद की शुरू हुई अतिक्रमण की कार्रवाई पर टिकी हैं। 20 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने इसे रोक दिया था। म्यूनिसिपल कार्पोरेशन ऑफ दिल्ली( MCD) की बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि अतिक्रमण की पहचान और नोटिस दिए बिना यह कार्रवाई की गई। सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच यानी जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बी आर गवई इस मामले में सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में कार्रवाई पर लगी रोक बरकरार रखी है। इस मामले में अब दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में रोक लगाने से इनकार किया।
अवैध कब्जाधारियों पर कार्रवाई जारी रहेगी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बीच उत्तरी दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह(North Delhi Mayor, Raja Iqbal Singh) ने कहा-हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। कोर्ट के आदेश के बाद होगी कोई कार्रवाई। हालांकि उन्होंने साफ कहा कि अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई आगे भी चलती रहेगी।
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सांसद मनोज तिवारी ने कहा-दिल्ली वालों बहकावे में मत आओ, बुल्डोजर चलता रहेगा
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कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल मिलने पहुंचा
कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल जनरल सेक्रेटरी अजय माकन के नेतृत्व में जहांगीरपुरी में कल हुए विध्वंस अभियान से प्रभावित परिवारों से मिलने पहुंचा। इस मौके पर अजय माकन ने कहा-मैं आप सबसे कहना चाहता हूं कि कृपया इस प्रक्रिया को धर्म के चश्मे से ना देखें। ये सिर्फ गरीब के पेट पर लात मारी गई है। ये इसलिए हुआ है क्योंकि हमारे देश में बेरोज़गारी-महंगाई से सबसे ज्यादा पीड़ित गरीब हैं,उनका ध्यान भटकाने और उन्हें धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश हुई है। ऐसा लगता ही नहीं है कि देश में कानून का राज है। कानून ये इजाज़त नहीं देता कि बिना नोटिस दिए किसी के घर को गिराया जाए। मेरे पास कोर्ट का 2019 का भी आदेश है जिसमें कहा गया है कि किसी को बिना नोटिस दिए उसका घर नहीं गिराया जा सकता है तो फिर कल यहां ऐसा क्यों हुआ?
दो याचिकाएं लगा रखी हैं
जमीयत उलेमा-हिंद ने MCD की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं लगा रखी हैं। पहली अर्जी में बिना नोटिस अतिक्रमण पर बुल्डोजर चलवाकर लोगों को बुनियादी अधिकारों से वंचित करना है। दूसरी अर्जी में देश के अलग-अलग राज्यों में बुल्डोजर चलवाकर अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाइयों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। उलेमा के वकील जहांगीरपुरी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद डेढ़ घंटे तक कार्रवाई जारी रखने को कोर्ट की अवमानना मान रहे हैं। इसके खिलाफ भी वे पुलिस और प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठा रहे हैं। बता दें कि जहांगीरपुरी में 20 अप्रैल को करीब 2 घंटे तक MCD की कार्रवाई में 9 बुल्डोजरों ने 25 से अधिक मकानों से सामान जब्त किया था। 12 अवैध दुकानों गिरा दीं।
ये है पूरा अपडेट
कोर्ट ने कहा-अतिक्रमण तो बुल्डोजर से ही हट सकते हैं: याचिकाकर्ता की तरफ से वकील दुष्यंत दवे ने दलील दी कि यह राष्ट्रीय महत्व का मसला है। लोगों को 5 से 15 दिन का नोटिस देना चाहिए था। दवे ने तर्क दिया कि दिल्ली में 1731 अनधिकृत कॉलोनियां हैं। इनमें 50 लाख लोग रहते हैं, लेकिन कहीं कार्रवाई नहीं की गई। 30 साल से ज़्यादा पुराने निर्माण को अचानक बुल्डोजर से गिराना शुरू कर दिया। हालांकि इस पर जस्टिस एल नागेश्वर राव ने कहा कि, अवैध निर्माण बुल्डोजर से ही हटाए जा सकते हैं। अतिक्रमण हटाने के अभियान पर रोक नहीं लगा सकते हैं। वहीं, याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि सरकार अतिक्रमण को मुद्दा बना रही है। इस पर रोक लगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो देशभर में तोड़फोड़ की कार्रवाई पर रोक नहीं लगा सकते हैं। जब सिब्बल ने कहा कि उनका मतलब है कि इस तरह से बुल्डोजर के इस्तेमाल पर रोक लगे। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तोड़फोड़ तो हमेशा बुल्डोजर से ही होती रही है।
याचिकाकर्ताओं के यह कहने कि सरकार मुस्लिमों को टारगेट कर रही है, इसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि एमपी के खरगोन में मुस्लिमों से ज्यादा हिंदुओं के घर गिराए गए हैं।
सॉलिसिटर जनरल ने तर्क दिया कि जहांगीरपुरी से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जनवरी में शुरू हुई थी। फरवरी और मार्च में भी कार्रवाई हुई। 19 अप्रैल को फिर अतिक्रमण हटाए जाने थे। इसी बीच संगठनों ने दखल देना शुरू किया। यहां कुछ इमारतें अवैध हैं, जो सड़क पर बनी हैं। इन्हें पहले भी नोटिस दिया गया था। बताया गया कि 2021 में मार्केट एसोसिएशन ने याचिका दायर की थी, तब हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था।
दंगाइयों के खिलाफ सख्त है केंद्र सरकार
जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर हुई साजिशन हिंसा (Jahangirpuri violence) के मामले में गिरफ्तार किए गए मुख्य 5 दंगाइयों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की गई है। क्राइम ब्रांच पुलिस ने CCTV फुटेज के आधार पर 300 उपद्रवियों की पहचान की है। उनकी गिरफ्तारी के लिए छापामार कार्रवाई हो रही है। वहीं, जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के तार पश्चिम बंगाल से जुड़ने के बाद दिल्ली पुलिस की एक टीम पश्चिम बंगाल के ईस्ट मिदनापुर पहुंच गई है। दिल्ली पुलिस बंगाल पुलिस के साथ मिलकर छानबीन और पूछताछ करेगी। यह टीम हिंसा में पकड़े गए लोगों के मूल पते वेरीफाई करेगी।
यह है मामला
जहांगीरपुरी इलाके में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान एक समुदाय विशेष के लोगों ने पथराव किया था। इसमें 8 पुलिसकर्मी और एक स्थानीय व्यक्ति घायल हो गया था। इस मामले में पुलिस 25 लोगों को अरेस्ट कर चुकी है। 2 नाबालिग भी हैं। वहीं, पुलिस ने बिना इजाजत जुलूस निकालने पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर भी FIR दर्ज की है।
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