सार
कर्नाटक में लिंगायत समाज का खासा राजनीतिक प्रभाव है। येदियुरप्पा भी लिंगायत समाज से ही आते हैं। राज्य में करीब 17 प्रतिशत लिंगायत आबादी है जोकि 1990 से ही भाजपा का समर्थक रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो राज्य की 224 सीटों में करीब 100 सीटों पर लिंगायत समाज समीकरण बनाने-बिगाड़ने की स्थिति में हैं।
बेंगलुरू। येदियुरप्पा (Yediyurappa) युग के बाद कर्नाटक (Karnataka) में बीजेपी (BJP) नए चेहरे के साथ शुरूआत करने जा रही है। बीजेपी के विधायक दल की बैठक में राज्य का नया मुखिया मिल जाएगा। केंद्रीय आब्जर्वर धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) और जी.किशन रेड्डी (G.Kishan Reddy) विधायक दल की बैठक के बाद नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान करेंगे।
विधायकों का बैठक के लिए आना शुरू हो गया है. निवर्तमान सीएम बीएस येदियुरप्पा भी आब्जर्वर्स के साथ मीटिंग में पहुंच गए हैं. कुछ घंटों पहले ही केंद्रीय पर्यवेक्षक धर्मेंद्र प्रधान और जी.किशन रेड्डी बेंगलुरू पहुंचे हैं. उनके पहुंचने के बाद गेस्ट हाउस में बसवराज बोम्मई समेत कई विधायकों ने मुलाकात की थी.
चार बार से मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने दिया है इस्तीफा
बीजेपी के कद्दावर नेता और राज्य के चार बार मुख्यमंत्री रहे बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। भरे मन से दबाव में आकर दिए गए येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद पूरे प्रदेश में उनके समर्थकों में निराशा फैल गई। उनके गृह जनपद में लोगों ने बाजार और दूकानें बंद रखकर बीजेपी के खिलाफ विरोध दर्ज कराया था। उधर, लिंगायत समाज ने भी बीजेपी को चेतावनी दे डाली।
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लिंगायत समाज से ही हो सकता है नया मुख्यमंत्री
कर्नाटक में लिंगायत समाज (Lingayat Community in Karnataka) का खासा राजनीतिक प्रभाव है। येदियुरप्पा भी लिंगायत समाज से ही आते हैं। राज्य में करीब 17 प्रतिशत लिंगायत आबादी है जोकि 1990 से ही भाजपा का समर्थक रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो राज्य की 224 सीटों में करीब 100 सीटों पर लिंगायत समाज समीकरण बनाने-बिगाड़ने की स्थिति में हैं। ऐसे में बीजेपी येदियुरप्पा की जगह पर लिंगायत समुदाय का ही नेता सामने लाना चाहेगी। लिंगायत समुदाय से ही गृहमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavraj Bommai) और खनन मंत्री एमआर निरानी (MR Nirani) आते हैं।
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