सार

महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। बोम्मई के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने महाराष्ट्र के कुछ इलाकों व गांवों पर अपना दावा पेश किया है। जबकि महाराष्ट्र ने भी कर्नाटक के कुछ क्षेत्र को अपना बताया है।

Maharashtra-Karnataka border dispute: महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। क्षेत्रीय विवाद पर महाराष्ट्र की ओर से याचिका दायर की गई है। बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय सुनवाई करने जा रहा है। उधर, सुप्रीम कोर्ट के सुनवाई के एक दिन पहले कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई दिल्ली पहुंच गए हैं। उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी सहित कई सीनियर एडवोकेट्स से मुलाकात की है। रोहतगी कर्नाटक की ओर से जिरह करेंगे।
 
बीजेपी शासित दोनों राज्य कुछ इलाकों को लेकर हैं आमने-सामने

कर्नाटक और महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार है। बोम्मई के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने महाराष्ट्र के कुछ इलाकों व गांवों पर अपना दावा पेश किया है। जबकि महाराष्ट्र ने भी कर्नाटक के कुछ क्षेत्र को अपना बताया है। हालांकि, दोनों राज्य एक दूसरे को अपने अधिकार वाले क्षेत्र देने के लिए सहमत नहीं हैं। महाराष्ट्र का कहना है कि बेलागवी सहित कई मराठी भाषी क्षेत्रों को गलत तरीके से 1960 में हुए राज्य पुनर्गठन में कन्नड़ भाषी कर्नाटक में सम्मिलित कर दिया गया था। इन क्षेत्रों को वापस महाराष्ट्र को मिलना चाहिए। 

कर्नाटक ने महाराष्ट्र के कई गांवों के लिए लाया प्रस्ताव

उधर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पिछले सप्ताह ही महाराष्ट्र के कई गांवों को अपने राज्य में शामिल करने के लिए मांग उठाई थी। बोम्मई ने कहा कि सांगली जिले के कुछ गांवों ने कर्नाटक में विलय के लिए प्रस्ताव पारित किया है। यह इसलिए क्योंकि यह सभी गांव गंभीर जल संकट का सामना कर रहे हैं लेकिन महाराष्ट्र सरकार उनके लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने से परहेज नहीं कर रही हैं।

कर्नाटक के सीएम की मांग के बाद बढ़ा विवाद

बसवराज बोम्मई की मांग के बाद दोनों राज्यों में राजनीतिक पारा चढ़ गया है। बीजेपी नेता व डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि किसी भी गांव के महाराष्ट्र से काटकर कर्नाटक में जोड़ने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। पलटवार करते हुए बोम्मई ने कहा कि फडणवीस का बयान भड़काऊ है।

महाराष्ट्र ने कानूनी लड़ाई के लिए दो मंत्रियों को दी जिम्मेदारी

उधर, महाराष्ट्र के गांवों को कर्नाटक में विलय की मांग के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने दो मंत्रियों को कानूनी लड़ाई के लिए जिम्मेदारी दी है। सरकार ने कहा कि कोई भी गांव महाराष्ट्र से कर्नाटक को नहीं सौंपा जाएगा। हालांकि, महाराष्ट्र ने कर्नाटक के कई गांवों को अपने राज्य में विलय की मांग की है। महाराष्ट्र ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है।

कर्नाटक ने बताया मांग को अवैध

महाराष्ट्र की मांग को कर्नाटक सरकार ने अवैध करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका को कर्नाटक सरकार ने कहा कि यह किसी भी सूरत में वैध नहीं है। आज तक देश में किसी भी राज्य के मामले में पुनर्गठन की समीक्षा नहीं की गई है। बसवराज बोम्मई ने कहा कि सीमा विवाद महाराष्ट्र में सभी दलों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला एक राजनीतिक उपकरण है। महाराष्ट्र की दलीलें वर्षों से वैध नहीं पाई गई हैं।