सार
जिला विकास आयुक्त सागर दत्तात्रेय दोइफोडे ने फिर से जीवित करने के लिए झरनों की पहचान कर ली है, इनमें शहर के सुंगली गांव में बौद्ध काल का ‘ड्रैगन माउथ’ झरना भी शामिल है।
भद्रवाह (Bhaderwah). केंद्र की ओर से प्रायोजित ‘जल शक्ति अभियान’ के तहत जम्मू कश्मीर के डोडा जिले की इस घाटी में 45 से ज्यादा सूख चुके प्राचीन झरनों को फिर से जीवित किया जाएगा।
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि जिला विकास आयुक्त सागर दत्तात्रेय दोइफोडे ने फिर से जीवित करने के लिए झरनों की पहचान कर ली है। इनमें शहर के सुंगली गांव में बौद्ध काल का ‘ड्रैगन माउथ’ झरना भी शामिल है।
दोइफोडे ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘हम इस सुंदर घाटी में सभी जलाशयों, खासकर प्राचीन झरनों को फिर से जीवित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे।’’ वह सूख चुके प्राकृतिक जलस्रोतों का मुआयना करने वाली अधिकारियों की टीम का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने बताया कि झरनों के फिर से जीवित होने के बाद स्थानीय लोगों की पीने के पानी की जरूरत को पूरा करने में मदद मिलेगी। साथ में यह पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा।
भद्रवाह में सूख चुके हैं 45 झरने
भद्रवाह अपने प्राकृतिक झरनों के लिए जाना जाता है। शहर के आस-पास के इलाकों में काफी संख्या में झरने मिलते है। अधिकारियों ने बताया कि भद्रवाह शहर में ‘ड्रैगन’ माउथ’ के साथ ही 14 अन्य सूख चुके झरनों की पहचान की गई है जबकि आस-पास के इलाकों के 30 अन्य झरनों की पहचान की है, जिनको तत्काल फिर से जीवित किया जाएगा।
[यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है]