सार
ओनिबा और शरीक को कतर एयरपोर्ट पर बैग के साथ पकड़ लिया गया। बैग में चार किलो चरस बरामद हुआ। चूंकि, बैग इन्हीं का था इसलिए इन लोगों ने स्वीकार कर लिया कि बैग उनका है लेकिन इसमें चरस कैसे आया इनको पता नहीं था। इन लोगों ने बताया कि फ्लाइट लेते वक्त इनकी बुआ ने एक पैकेट यह कहते हुए दी थी कि पैकेट में जर्दा है और एक परिचित वहां मिलेंगे उनको देना है।
मुंबई। विदेशी डेस्टिनेशन पर हनीमून मनाने का सपना लेकर कतर गए एक पति-पत्नी को बिना गुनाह की 21 महीने जेल में बितानी पड़ी। पहली बच्ची का जन्म भी जेल में ही हुआ। अब जाकर नवदंपत्ति अपने वतन वापिस आ सका है। एनसीबी के अधिकारियों के प्रयास से भारतीय दंपत्ति बेगुनाह साबित हो सके हैं। देर रात में जब युगल जब अपनी एक साल की बेटी के साथ अपनी सरजमीं पर कदम रखे तो खुशी के आंसू न रोक सके।
यह आपबीती मुंबई के ओनिबा और शरीक की है। शादी के बाद ओनिबा और शरीक ने हनीमून के लिए कतर के लिए डेस्टिनेशन बुक कराया था। 6 जुलाई 2019 को दोनों की फ्लाइट थी। नवदंपत्ति बेहद खुश थी कि उनके मन की मुराद पूरी हो रही है। लेकिन इसी बीच अपनी बुआ उनकी खुशियों में खलल बनकर आई।
बैग जब खोला गया तो सब दंग रह गए
ओनिबा और शरीक को कतर एयरपोर्ट पर बैग के साथ पकड़ लिया गया। बैग में चार किलो चरस बरामद हुआ। चूंकि, बैग इन्हीं का था इसलिए इन लोगों ने स्वीकार कर लिया कि बैग उनका है लेकिन इसमें चरस कैसे आया इनको पता नहीं था। इन लोगों ने बताया कि फ्लाइट लेते वक्त इनकी बुआ ने एक पैकेट यह कहते हुए दी थी कि पैकेट में जर्दा है और एक परिचित वहां मिलेंगे उनको देना है।
हनीमून की बजाय दस साल की सजा
ओनिबा और शरीक अपनी बेगुनाही का सबूत नहीं दे सके तो कतर में दंपत्ति को दस साल की सजा हो गई। हनीमून का सपना काफूर हो गया और जीवन में घुप्प अंधेरा छा गया। होटल की बजाय इनको जेल भेज दिया गया।
एनसीबी मदद को आगे आया
ओनिबा और शरीक को सजा होने के बाद परिवार परेशान हो उठा। इन लोगों ने एनसीबी के डायरेक्टर राकेश अस्थाना और डिप्टी डायरेक्टर केपीएस मल्होत्रा से मुलाकात की। सारी कहानी बताई। एनसीबी जांच में जुट गई। शरीक के मोबाइल काॅल रिकार्ड में एनसीबी को सबूत मिला। शरीक की बुआ बातचीत में एक पैकेट देने की बात कह रही है जिसमें जर्दा होगा। जांच एजेंसी को यह यकीन हो गया कि जर्दा के नाम पर धोखे से चरस रखा गया है।
एनसीबी ने छापा मारकर शरीक की बुआ समेत कईयों को किया अरेस्ट
फोन काल के आधार पर एनसीबी ने चंड़ीगढ़ में छापेमारी कर शरीक की कथित बुआ और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया। जांच में यह बात सामने आई कि बुआ ने ही हनीमून पैकेज को स्पांसर किया था और फिर उसे अपना चुपके से कैरियर बना लिया था।
पीएमओ और विदेश मंत्रालय ने भी किया हस्तक्षेप
भारत में शरीक व ओनिबा की बेगुनाही के सबूत मिलने के बाद एनसीबी ने पीएमओ व विदेश मंत्रालय को सारे डाॅक्यूमेंट्स भेजे। पीएमओ व विदेश मंत्रालय ने कतर प्रशासन से संपर्क कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया।
उच्च न्यायालय ने निचली अदालत को दिया आदेश
ओनिबा व शरीक केस में कतर की उपरी अदालत ने निचली अदालत को नए सिरे से सुनवाई का आदेश दिया। पूरी सुनवाई के बाद निचली अदालत ने शरीक व ओनिबा को बेगुनाह मानते हुए बरी कर दिया। 29 मार्च को इन दोनों की रिहाई हो गई। 14/15 अप्रैल की देर रात को दोनों भारत पहुंचे। साथ में जेल में पैदा हुई बच्ची भी थी
देर रात करीब 2.35 मिनट पर हवाई जहाज छत्रपति शिवाजी महराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरी। पूरा परिवार इनके लिए मौजूद था। ओनिबा और शरीक के साथ एक बच्ची भी थी जो जेल में पैदा हुई थी।