सार

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में युद्ध के लिए भारतीय नौसेना की तैयारियों की समीक्षा की। पूर्वी नौसेना कमान में आयोजित 12वें फ्लीट रिव्यू कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ने 21 तोपों की सलामी ली। 

विशाखापत्तनम। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने सोमवार को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में युद्ध के लिए भारतीय नौसेना (Indian Navy ) की तैयारियों की समीक्षा की। पूर्वी नौसेना कमान में आयोजित 12वें फ्लीट रिव्यू (12th Fleet Review) कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ने 21 तोपों की सलामी ली। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। 

राष्ट्रपति ने 60 से अधिक जहाजों व पनडुब्बियों और 55 विमानों वाले भारतीय नौसेना के बेड़े की समीक्षा की। आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में विशाखापत्तनम में राष्ट्रपति के बेड़े की समीक्षा का 12वां संस्करण आयोजित किया गया। राष्ट्रपति यॉट आईएनएस सुमित्रा पर सवार हुए। इसके बाद उन्होंने नौसेना के युद्धपोतों को करीब से देखा। इससे पहले राष्ट्रपति को नौसेना डॉकयार्ड पहुंचने पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

राष्ट्रपति जिस यार्ट पर सवार हुए उसे भारत में ही बनाया गया है। यह तटीय इलाके में गश्त करने वाला पोत है। सेरेमोनियल गार्ड ऑफ ऑनर और 21 तोपों की सलामी के बाद राष्ट्रपति आईएनएस प्रेसिडेंशियल यॉट सुमित्रा पर सवार हुए। इसके बाद वह समुद्र में खड़े 44 पोतों के पास गए और उनकी समीक्षा की। फ्लीट रिव्यू कार्यक्रम में भारतीय नौसेना के साथ-साथ तटरक्षक बल के जहाजों को भी शामिल किया गया। राष्ट्रपति ने एससीआई और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के जहाज का भी निरीक्षण किया। इस नौसैनिक समारोह में शामिल सभी जहाज पूरे राजसी अंदाज में तैयार किए गए थे। राष्ट्रपति के पास आते ही उन्हें सलामी दी गई।

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लंबे समय से चली आ रही प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू की परंपरा
बता दें कि प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। इसके द्वारा नौसेना अपने देश के सर्वोच्च कमांडर को यह दिखाती है कि वह लड़ाई के लिए कितनी तैयार है। भारतीय नौ सेना के देश की सेवा के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं। इसलिए इस बार का फ्लीट रिव्यू बेहद खास था। 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने पनडुब्बियों और युद्धपोत की परेड से पहले नेवी ने शुक्रवार को ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल की टेस्ट फायरिंग की थी। यह टेस्ट फायरिंग वेस्टर्न सी में ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज वॉरशिप INS विशाखापत्तनम से की गई थी। इसके बाद वॉरशिप को विशाखापत्तनम बंदरगाह पर डॉक किया गया।

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