सार
राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) को लेकर केंद्र सरकार विपक्ष के साथ आम सहमति से उम्मीदवार का नाम तय करने की कोशिश कर रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस संबंध में ममता बनर्जी और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से बात की है।
नई दिल्ली। अगले महीने वाले वाले राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) को लेकर राजनीतिक गहमागहमी तेज हो गई है। केंद्र सरकार चुनाव को लेकर विपक्ष के साथ आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही है। इस संबंध में बुधवार को केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से बात की।
सूत्रों के अनुसार सरकार विपक्ष के साथ आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही है। अभी किसी उम्मीदवार के नाम पर चर्चा नहीं हुई है। राजनाथ सिंह ने कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, बीजद प्रमुख नवीन पटनायक और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव से भी बात की है। उन्होंने एनडीए के सहयोगी दल जदयू के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी बात की।
दरअसल, ये शुरुआती चर्चाएं हैं। इनमें विकल्प तलाशे जा रहे हैं। बाद में एनडीए की बैठक होगी जहां उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा होगी। भाजपा संसदीय बोर्ड की भी बैठक होगी और उम्मीदवार के नाम को अंतिम रूप दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 26 जून से शुरू होने वाली जर्मनी यात्रा से पहले सरकार की ओर से उम्मीदवार के नाम की घोषणा हो जाएगी।
विपक्षी दलों की हुई बैठक
बता दें कि राष्ट्रपति के उम्मीदवार पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों की बैठकें भी शुरू हो गईं है। बुधवार को ममता बनर्जी के आह्वान पर दिल्ली में 17 दलों के नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया। इसमें विपक्ष की ओर से आम सहमति से उम्मीदवार उतारने पर सहमति बनी। हालांकि पांच प्रमुख विपक्षी दल बैठक से गायब थे। बैठक में राकांपा प्रमुख शरद पवार को विपक्ष का उम्मीदवार बनने का प्रस्ताव दिया गया, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया।
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राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होंगे और नतीजे 21 जुलाई को घोषित किए जाएंगे। 29 जून नामांकन की आखिरी तारीख है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। 2017 में सर्वसम्मति से उम्मीदवार खड़ा करने के सरकार के प्रयास विफल रहे थे। विपक्ष ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को मैदान में उतारा था, लेकिन बिहार के तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने उन्हें हरा दिया था।
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