सार
महाराष्ट्र के गृहमंत्री देशमुख को लेकर परमबीर सिंह की चिट्ठी पर एनसीपी नेता शरद पवार का बड़ा झूठ पकड़ा गया है। शरद पवार ने कहा था कि पूर्व कमिश्नर के पत्र में उन्होंने जिक्र किया है कि फरवरी महीने के बीच में उन्हें कुछ अधिकारियों से गृह मंत्री के फलां निर्देशों की जानकारी मिली थी। 6 फरवरी से 16 फरवरी तक देशमुख कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती थे।
मुंबई. महाराष्ट्र के गृहमंत्री देशमुख को लेकर परमबीर सिंह की चिट्ठी पर एनसीपी नेता शरद पवार का बड़ा झूठ पकड़ा गया है। शरद पवार ने कहा था कि पूर्व कमिश्नर के पत्र में उन्होंने जिक्र किया है कि फरवरी महीने के बीच में उन्हें कुछ अधिकारियों से गृह मंत्री के फलां निर्देशों की जानकारी मिली थी। 6 फरवरी से 16 फरवरी तक देशमुख कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती थे। लेकिन भाजपा नेता अमित मालवीय ने एक वीडियो ट्वीट कर बताया है कि 15 फरवरी वो अनिल देशमुख एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
अमित मालवीय ने ये वीडियो ट्वीट किया
अमित मालवीय ने ये वीडियो ट्वीट कर शरद पवार का झूठ उजागर किया। अनिल देशमुख ने 15 फरवरी को किसानों के मुद्दों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।
देशमुख ने कहा, वे 15 से 27 फरवरी तक नागपुर में होम क्वारंटीन थे, जबकि वीडियो कुछ और कह रहा
उधर, शरद पवार के झूठ के पकड़े जाने के बाद अनिल देशमुख ने एक और झूठा दावा कर दिया। उन्होंने कहा कि वे 15 से 27 फरवरी तक नागपुर में होम क्वारंटीन थे। जबकि सोशल मीडिया पर भाजपा नेताओं और यूजर्स ने कुछ वीडियो शेयर किए हैं, इसमें वे 19 फरवरी को मुंबई से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते दिख रहे हैं।
देशमुख ने शरद पवार का बचाव किया
शरद पवार के बयान पर गृहमंत्री देशमुख ने बयान दिया। उन्होंने कहा, 15 फरवरी को छुट्टी मिलने के बाद कुछ पत्रकार अस्पताल के गेट पर मेरा इंतजार कर रहे थे। मैं कमजोर महसूस कर रहा था इसलिए मैं वहां कुर्सी पर बैठ गया और उनके सवालों का जवाब दिया। फिर मैं सीधे अपनी कार से घर चला गया। मैं 15 से 27 फरवरी तक घर पर ही होम क्वारेंटाइन था। मैं 28 फरवरी को पहली बार घर से बाहर निकला।
इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता
शरद पवार ने कहा था कि यह स्पष्ट है कि जिस अवधि के दौरान आरोप लगाए गए, अनिल देशमुख अस्पताल में भर्ती थे। इस तरह के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। जिस मंत्री के बारे में आरोप था, उनकी उस समय की स्थिति साफ हो गई है और ऐसी परिस्थिति में उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता।
एंटीलिया केस में चिट्ठी 'बम' क्या है?
दरअसल, मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह को एंटीलिया केस के चलते पद से हटाया गया। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने लोकमत को दिए एक इंटरव्यू में ये बात कही थी। इसी पर गुस्सा होकर परमबीर सिंह ने सीएम उद्दव ठाकरे को एक पत्र लिखा। पत्र में परमबीर सिंह ने आरोप लगाया कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वझे को बार, रेस्तरां और अन्य जगहों से हर महीने 100 करोड़ रुपए इकट्ठा करने के लिए कहा था।
गृहमंत्री देशमुख ने सचिन वझे को कई बार अपने बंगले पर बुलाया। फंड कलेक्ट करने का आदेश दिया। इस दौरान उनके पर्सनल सेक्रेटरी मिस्टर पलांडे भी वहां मौजूद थे। मैंने इस मामले को डिप्टी चीफ मिनिस्टर और एनसीपी चीफ शरद पवार को भी ब्रीफ किया।
चिट्ठी पर गृहमंत्री ने दी थी सफाई
चिट्ठी के बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सफाई दी कि एंटीलिया और मुकेश हिरेन केस में सचिन वझे के डायरेक्ट लिंक नजर आ रहे हैं। इससे परमबीर सिंह डरे हुए है। उन्हें डर है कि कहीं केस की आंच उन तक न पहुंच जाए। वे मुझ पर गलत आरोप लगाकर खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।