सार
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा शिवसेना में सीएम के नाम पर ठनी है। इस बीच आज शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को दोबारा विधायक दल का नेता चुना। हालांकि कयास लगाए जा रहे हैं थे कि आदित्य ठाकरे को नेता चुना जा सकता है। लेकिन इसपर विराम लग गया।
मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा शिवसेना में सीएम के नाम पर ठनी है। इस बीच आज शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को एक बार फिर से विधायक दल का नेता चुना। आदित्य ठाकरे ने ही एकनाथ शिंदे के नाम का प्रस्ताव रखा था। हालांकि कयास लगाए जा रहे हैं थे कि आदित्य ठाकरे को नेता चुना जा सकता है। लेकिन इसपर विराम लग गया। बैठक में महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर भी फैसला लिया जा सकता है। शिवसेना लगातार मांग कर रही है कि भाजपा 50-50 का फॉर्मूला लागू करे। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, 145 का नंबर है तो सरकार बना लें।
शिवसेना के नेताओं ने राज्यपाल से की मुलाकात
विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे, आदित्य ठाकरे, रामदास कदम समेत शिवसेना के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद आदित्य ठाकरे ने कहा, हमने राज्यपाल से किसानों और मछुआरों को सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया, जिन्हें हाल ही में बारिश के कारण नुकसान हुआ था। उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि वह खुद केंद्र सरकार से बात करेंगे।
हम अपने रुख से पीछे नहीं हटेंगे : संजय राउत
बैठक में शामिल होने पहुंचे संजय राउत ने कहा, महाराष्ट्र में सरकार बनाने के 50-50 फॉर्मूले पर शिवसेना। हम अपने रुख से पीछे नहीं हटेंगे। हम अपनी मांग के साथ आगे बढ़ना जारी रखेंगे। उन्होंने बोला कि कोई हमें बच्चा पार्टी न समझे।
भाजपा के पास 105, शिवसेना के पास 56 विधायक
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीट पर जीत मिली। चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना लगातार 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी है, जिसके मुताबिक ढाई साल शिवसेना और ढाई साल भाजपा का नेता सीएम रहेगा।
क्या ये है सत्ता में भागीदारी का फॉर्मूला
खबरें आ रही हैं कि राज्य में नई सरकार के गठन के लिए भाजपा ने शिवसेना को एक ऑफर दिया है। एक मराठी टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी ने अपने सहयोगी दल को डिप्टी सीएम की पोस्ट के साथ कैबिनेट में 13 मंत्रियों की जगह का ऑफर दिया है। हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर ऐसे ऑफर की पुष्टि नहीं हो पाई हैं।
मुख्यमंत्री पद को लेकर तनातनी
मंगलवार को शिवसेना और बीजेपी ने एक-दूसरे के प्रति कड़ा रुख दिखाया था। फडणवीस ने कहा था कि वो अगले पांच साल के लिए भी मुख्यमंत्री बनेंगे। पार्टी ने ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई चुनाव से पहले सहयोगी के साथ कोई करार नहीं किया था। जबकि संजय राउत ने कहा था कि शिवसेना सत्ता के लिए भूखी नहीं है। हमारे पास दूसरे विकल्प भी हैं। इसके बाद यह खबर भी सामने आई कि नई सरकार को लेकर गठबंधन के नेताओं की प्रस्तावित बैठक को रद्द कर दिया गया।