सार
सोशल मीडिया, डिजिटल न्यूज और OTT प्लेटफार्म्स को लेकर गुरुवार को सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, भारत में बिजनेस के लिए सोशल मीडिया का स्वागत है। उन्हें यूजर्स मिले, बिजनेस मिला और उन्होंने भारतीयों को मजबूत किया। इसका हम स्वागत करते हैं। लेकिन इसका दुरुपयोग रोकना जरूरी है।
नई दिल्ली. सोशल मीडिया, डिजिटल न्यूज और OTT प्लेटफार्म्स को लेकर गुरुवार को सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी। रविशंकर प्रसाद ने कहा, भारत में बिजनेस के लिए सोशल मीडिया का स्वागत है। उन्हें यूजर्स मिले, बिजनेस मिला और उन्होंने भारतीयों को मजबूत किया। इसका हम स्वागत करते हैं। लेकिन इसका दुरुपयोग रोकना जरूरी है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, हम विरोध और आलोचना का स्वागत करते हैं। यह बहुत जरूरी है कि सोशल मीडिया यूजर्स करोड़ों की तादाद में हैं। सोशल मीडिया के एब्यूज और मिसयूज के खिलाफ इन यूजर्स को अपनी शिकायतों के समय सीमा के भीतर निराकरण के लिए एक फोरम मिलना चाहिए।
'सोशल मीडिया को संविधान के प्रति जवाबदेह होना होगा'
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल भारतीय अपनी रचनात्मकता दिखाने, सवाल पूछने, जानकारी देने, अपनी राय रखने और सरकार की आलोचना करने में करते हैं। सरकार लोकतंत्र के आवश्यक तत्व के रूप में प्रत्येक भारतीय के आलोचना और असहमति के अधिकार को स्वीकार करती है और उसका सम्मान करती है। भारत सबसे बड़ा खुला इंटरनेट समाज है और सरकार भारत में काम करने, व्यापार करने और मुनाफा कमाने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों का स्वागत करती है। हालांकि, उन्हें भारत के संविधान और कानूनों के प्रति जवाबदेह होना पड़ेगा।
सोशल मीडिया का हो रहा गलत इस्तेमाल
रविशंकर प्रसाद ने कहा, शिकायतें आ रही हैं कि सोशल मीडिया क्रिमिनल, आतंकवादी, हिंसा फैलाने वालों को प्रमोट करने का प्लेटफॉर्म बन गया है। भारत में सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल और फेक न्यूज की शिकायतें आई हैं। ये चिंताजनक बात थी। इसलिए हमारी सरकार ने ऐसे प्लेटफार्म्स के लिए गाइडलाइन तैयार करने का फैसला लिया।
सोशल मीडिया के लिए बने ये नियम
- शिकायत के लिए फोरम मिले: रविशंकर प्रसाद ने कहा, भारत में सोशल मीडिया के करोड़ों यूजर्स हैं। इन प्लेटफॉर्म को शिकायतों के निपटारे के लिए मैकेनिज्म बनाना होगा। यूजर्स की शिकायतों के लिए एक अधिकारी रखना होगा। इसका नाम सार्वजनिक करना होगा। ये अफसर शिकायत मिलने के 15 दिन बात इन्हें सुलझाएंगे।
- 24 घंटे में हटे आपत्तिजनक कंटेंट: नई गाइडलाइन के मुताबिक, यूजर के सम्मान खासतौर पर महिलाओं के सिलसिले में, अगर किसी की आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट करता है तो आपको शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर कंटेंट हटाना होगा।
- दो श्रेणियों में बांटा गया सोशल मीडिया : सोशल मीडिया को दो श्रेणियों में बांटा गया है। पहला इंटरमीडरी और दूसरा सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडरी पर अतिरिक्त कर्तव्य है। सरकार जल्द इसके लिए यूजर संख्या का नोटिफिकेशन जारी करेगी। कंपनियों को शिकायत के 24 घंटे के भीतर आपत्तिजनक कंटेंट हटाना होगा। चाहें वह शिकायत उस व्यक्ति ने दर्ज कराई हो या उसके ऐवज में किसी अन्य शख्स ने कराई थी।
- 1 महीने में देनी होगी रिपोर्ट: कंपनियों को सरकार को हर महीने एक रिपोर्ट देनी होगी। इसमें यह बताना होगा कि एक महीने में कितनी शिकायतें मिलीं और उन पर कंपनी की ओर से क्या कार्रवाई की गई।
- शरारती कंटेंट का ओरिजनेटर बताना होगा: कोर्ट के आदेश और सरकार द्वारा पूछा जाने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को शरारती कंटेंट का ओरिजनेटर बताना होगा। ये व्यवस्था केवल भारत की अखंडता, एकता और सुरक्षा, इसके अलावा सामाजिक व्यस्था, दूसरे देशों से रिश्तों, रेप, यौन शोषण जैसे मामलों में लागू होगी। अफवाह या गलत कंटेंट फैलाने वाले की जानकारी पता करनी होगी। भारत के बाहर से कंटेंट आने पर यह बताना होगा कि पहली बार यह कंटेंट किसने पोस्ट किया।
- सोशल मीडिया को यूजर्स के प्रति जवाबदेह होना होगा: सोशल मीडिया यूजर के कंटेंट को हटाने से पहले वजह बतानी होगी। इसके अलावा सोशल मीडिया पर यूजर के रजिस्ट्रेशन के लिए वॉलेंटरी वेरिफिकेशन मैकेनिज्म बनाना होगा
- तीन महीने में लागू करना होगा गाइडलाइन: सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज के लिए ये गाइडलाइन 3 महीने बाद लागू होंगी ताकि वो अपने मैकेनिज्म को सुधार सकें।
- भारत में रहना होगा अफसरों को: सोशल मीडिया कंपनियों को नियमों और कानूनों का पालन करवाने के लिए भारत में चीफ कॉम्पिलियांस नोडल अफसर, सरकारी एजेंसियों से सपंर्क में रहने के लिए नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन, शिकायतों के निपटारे के लिए रेसिडेंट ग्रेवांस अफसर की नियुक्ति करनी होगी। ये सभी भारत में ही रहेंगे।
क्यों जारी की गई नई गाइडलाइन?
सरकार के मुताबिक, ये नियम डिजिटल प्लेटफॉर्म के यूजर को उनके अधिकारों के बारे में सशक्त बनाते हैं। ताकि वे अपने अधिकारों के उल्लंघन के मामले में उनकी शिकायत कर सकें और जवाबदेह बन सकें। सरकार ने गाइडलाइन लागू करते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी जिक्र किया। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार को सोशल मीडिया के लिए गाइडलाइन तैयार करने के लिए कहा था, जिससे बाल पोर्नोग्राफी, बलात्कार और गैंगरेप की तस्वीरों, वीडियो को कंटेट होस्टिंग प्लेटफॉर्म और अन्य ऐप से हटाया जा सके।
भारत में कितने हैं सोशल मीडिया यूजर्स
प्लेटफॉर्म | यूजर्स |
व्हॉट्सऐप | 53 करोड़ |
यूट्यूब | 44.8 करोड़ |
फेसबुक | 41 करोड़ |
इंस्टाग्राम | 21 करोड़ |
ट्विटर | 1.75 करोड़ |
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