सार
जम्मू के सिदरा इलाके में बुधवार सुबह आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में तीन आतंकवादियों का एनकाउंटर कर दिया गया। एडीजीपी जम्मू जोन मुकेश सिंह ने बताया कि इलाके में इन आतंकियों की मौजूदगी की सूचना के बाद घेराबंदी की गई थी।
श्रीनगर(Srinagar). जम्मू के सिदरा इलाके में बुधवार सुबह आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में तीन आतंकवादियों का एनकाउंटर कर दिया गया। एडीजीपी जम्मू जोन मुकेश सिंह ने बताया कि इलाके में इन आतंकियों की मौजूदगी की सूचना के बाद घेराबंदी की गई थी। आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच फायरिंग होनेपर बाईपास रोड को बंद कर दिया गया था। हालांकि पुलिस ने अभी तक पुष्टि नहीं की है, लेकिन सूत्रों का दावा है कि मुठभेड़ तब शुरू हुई, जब सुरक्षा बलों ने एक ट्रक को चेकिंग के लिए रोका। इस परआतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में तीनों आतंकवादी मारे गए।
ऐसे हुई मुठभेड़, जानिए कुछ और बातें
एडीजीपी मुकेश सिंह ने बताया, "हमने एक संदिग्ध ट्रक को आते देखा। इस पर सुरक्षाबलों ने उसका पीछाकिया। ट्रक को जम्मू के सिधरा में रोका गया। हालांकि मौका देखकर ट्रक ड्राइवर भागने में सफल रहा। जब ट्रक की तलाशी ली गई, तो अंदर छुपकर बैठे आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी। जवाबी जवाबी फायरिंग में तीनों आतंकवादी मारे गए।"
इससे पहले शोपियां में मारे गए थे तीन आतंकवादी
इससे पहले दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के मुंझ मार्ग इलाके में 20 दिसंबर तड़के हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े तीन स्थानीय आतंकवादी मार गिराए गए थे। ADGP कश्मीर ने एक ट्वीट में कहा कि मारे गए आतंकवादियों में दो की पहचान शोपियां के लतीफ लोन और अनंतनाग के उमर नजीर के रूप में की थी। उन्होंने कहा कि लोन कश्मीरी पंडित पुराण कृष्ण भट की हत्या में शामिल था। वहीं, नजीर नेपाल के तिल बहादुर थापा की हत्या में वांटेड था।
इस एनकाउंटर के एक दिन पहले यानी 19 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया था कि सशस्त्र बलों की कार्रवाई के कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में 168 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि सरकार ने टेरर फाइनेंसिंग के मामलों में 94 प्रतिशत मामलों में आरोपियों को सजा दिलाई है। क्लिक करके पढ़ें
फोटो क्रेडिट- द कश्मीर वाला/उमर आसिफ
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