सार

Indian Evacuation Operation : दुनियाभर को दादागीरी की धौंस जमाने वाले अमेरिका ने अपने नागरिकों को यूक्रेन से निकालने से हाथ खड़े कर दिए। चीन भी कुछ नहीं कर सका। उसकी पहली फ्लाइट आज यूक्रेन से नागरिकों को लेकर लौटी, लेकिन यदि भारत सरकार का निकासी अभियान देखें तो यह अमेरिका, ब्रिटेन और चीन जैसे देशें से बहुत आगे है। अब तक 50 से ज्यादा उड़ानों के जरिये हजारों लोगों को युद्धग्रस्त क्षेत्र से वापस लाया जा चुका है। 

नई दिल्ली। रूस के यूक्रेन (Russia Attack on ukraine) पर हमले के बाद से वहां फंसे लोगों के लिए परेशान खड़ी हो गई है। दुनियाभर में दादागीरी दिखाने वाले अमेरिका (USA) ने युद्धग्रस्त क्षेत्र से अपने नागरिकों को निकालने की बात पर हाथ खड़े कर दिए। शनिवार को चीन (China) की पहली चार्टर्ड फ्लाइट अपने नागरिकों को लेकर ईस्ट चाइना पहुंची। लेकिन भारत ने ताबड़तोड़ मिशन चलाकर युद्धग्रस्त यूक्रेन से अपने 17 हजार लोगों को बाहर निकाल लिया। 10 मार्च तक कुल 80 उड़ानों के जरिये भारत अपने सभी नागरिकों को बाहर निकाल लेगा। भारत ने जिस तेजी से मिशन चलाकर अपने नागरिकों को निकाला है, उसकी हर तरफ तारीफ हो रही है। 

मोदी के एक फोन पर रूस ने रोके थे हमले
बताते चलें कि यूक्रेन युद्ध की भनक लगते ही मोदी सरकार ने अपने छात्रों के लिए एडवायजरी जारी कर यूक्रेन छोड़ने को कहा था। लेकिन तमाम स्टूडेंट वहां से वापस नहीं आ सके। यूक्रेन से भारत के लिए बहुत कम उड़ाने हैं। इसके लिए सरकार ने यूक्रेन पर उड़ानों के सभी प्रतिबंध हटाए और उड़ानें बढ़ा दीं। इस बीच 24 फरवरी को रूस ने हमला किया तो यूक्रेन ने अपना एयर स्पेस बंद कर दिया। इसके बाद भी मोदी सरकार ने छात्रों को वापस लाने के लिए बंदोबस्त किए और ऑपरेशन चलाया। ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga)के तहत हर रोज 16 से 20 तक उड़ानों से भारतीय नागरिकों को पोलैंड, रोमानिया, हंगरी, मोल्डोवा और स्लोवाकिया से निकाला जा रहा है। कल भी 16 उड़ानों से 32 सौ से अधिक नागरिकों को भारत लाया गया। यही नहीं, पीएम मोदी के एक फोन कॉल पर रूस ने खारकीव में छह घंटे तक हमले रोके थे, जिससे भारतीय छात्रों को वहां से निकलने का समय मिला।

एयरफोर्स के विमान ऑपरेशन में जुटे
खारकीव और कीव पर रूस के कब्जे के बाद मोदी सरकार ने एयरफोर्स काे भी ऑपरेशन गंगा में उतारा। इस ऑपरेशन में एयरफोर्स के सी-17 एयरक्राफ्ट्स लगाए गए हैं। ये रोजाना ऑपरेशन में अलग-अलग देशों से वहां के नागरिकों को वापस ला रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने नागरिकों को निकालने के लिए चार मंत्रियों को अलग-अलग देशों की सीमाओं पर भेजा है। यही नहीं 24 मंत्रियों को यूक्रेन से आने वाले नागरिकों को रिसीव करने के लिए लगाया है।

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