सार

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तीन दिनी दौरे पर 3-5 अक्टूबर तक जम्मू-कश्मीर में रहेंगे। 2019 में आर्टिकल-370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में शाह का यह तीसरा दौरा है। इससे पहले वे 2021 में गए थे। अमित शाह पहले 30 सितंबर को यहां जाने वाले थे, लेकिन फिर शिड्यूल में बदलाव किया गया था।

जम्मू-कश्मीर. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह(Union Home Minister Amit Shah's visit to Jammu and Kashmir) तीन दिनी दौरे पर 3-5 अक्टूबर तक जम्मू-कश्मीर में रहेंगे। 2019 में आर्टिकल-370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में शाह का यह तीसरा दौरा है। इस साल की शुरुआत में उन्होंने 18 और 19 मार्च को केंद्र शासित प्रदेश का दौरा किया था। इससे पहले उन्होंने 2021 में 23 से 26 अक्टूबर तक जम्मू-कश्मीर की चार दिवसीय यात्रा की थी। विजिट के पहले दिन शाह राजौरी में एक जनसभा संबोधित करेंगे। यहां  कई विकास परियोजनाओं का शुभारंभ होगा। 4 अक्टूबर की सुबह शाह वैष्णो देवी मंदिर में पूजा-अर्चना करने जाएंगे। इसके बाद जम्मू में विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। 5 अक्टूबर को वह श्रीनगर के राजभवन में होने वाली बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे। शाह की यहां श्रीनगर और बारामूला में अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात भी होगी। 

पहाड़ियों को मिल सकता है एसटी का दर्जा
4 अक्टूबर की सुबह माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन करने के बाद शाह राजौरी जाएंगे। यहां वे एक जनसभा को संबोधित करेंगे। कहा जा रहा है कि यहां वे पहाड़ियों(ऊंचाई पर रहने वाले समुदाय) को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की घोषणा कर सकते हैं। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी, हंदवाड़ा,पुंछ और बारामूला में पहाड़ियों की बड़ी आबादी निवास करती है। बता दें कि अमित शाह पहले 30 सितंबर को यहां जाने वाले थे, लेकिन फिर शिड्यूल में बदलाव किया गया था। 27 सितंबर को उनका यह दौर कैंसल किया गया था। शाह के दौरे के मद्देनजरजम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी किया गया है। कठुआ से लखनपुर तक सीआरपीएफ और अर्द्धसैनिक बलों की 100 से अधिक कंपनियों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। राजोरी और बारामूला में विशेष इंतजाम किए गए हैं।

बारामूला जिले में अधिकतर जगहों पर हाईअलर्ट
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की 5 अक्टूबर को बारामूला यात्रा से पहले यहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जिले भर में अधिकतम अलर्ट जारी किया गया है। एक टॉप सिक्योरिटी ऑफिसर(top security official) ने स्थानीय मीडिया को बताया कि पुलिस और अर्धसैनिक बलों को निगरानी के लिए तैनात किया गया है और जिले में कई स्थानों पर वाहनों की जांच की जा रही है।इससे पहले पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने जिले का दौरा किया था और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए नागरिक और पुलिस अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता की थी। डीजीपी ने अधिकारियों को संदिग्ध तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखने पर जोर दिया जो हमेशा शांतिपूर्ण माहौल को बाधित करने का मौका खोजने की कोशिश करते हैं।

(यह तस्वीर राजौरी की है)

इस बीच, जिले में विशेष रूप से सोपोर शहर(जो कभी उग्रवादियों / राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का केंद्र हुआ करता था)  में भाजपा की सक्रियता बढ़ गई है। उल्लेखनीय है कि शाह का 5 अक्टूबर को बारामूला जाने और वहां एक विशाल रैली को संबोधित करने का कार्यक्रम है। वह बारामूला में पहाड़ी और अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी घोषणा करने वाले हैं। 

शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे से पहले पुलवामा आतंकी हमले में पुलिस अधिकारी शहीद
अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे से दो दिन पहले रविवार को केंद्र शासित प्रदेश के पुलवामा जिले में आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों के एक दल पर हमला कर दिया, जिसमें एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) की मौत हो गई और सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया। डीजीपी दिलबाग सिंह ने 4 अक्टूबर से शुरू हो रहे शाह के जम्मू-कश्मीर के हाई प्रोफाइल दौरे से जुड़े आतंकवादी हमले की संभावना से इंकार नहीं किया है। जब डिप्टी सुपरटेंडेंट ऑफ पुलिस हेडक्वार्टर एक चेक प्वाइंट का निरीक्षण कर रहे थे, तब आतंकवादियों ने संयुक्त पार्टी (पुलिस और सीआरपीएफ की) पर गोलियां चलाईं, जिसमें एक एसपीओ की मौत हो गई और सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख ने जम्मू में संवाददाताओं से कहा कि हमने हमलावरों की पहचान कर ली है। उन्होंने कहा कि वीवीआईपी के दौरे से जुड़े इस तरह के हमले की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
    
पांच दिनों में दूसरा बड़ा हमला
जम्मू-कश्मीर में पिछले पांच दिनों में यह दूसरा बड़ा आतंकी हमला था। जम्मू क्षेत्र के उधमपुर जिले में 28 और 29 सितंबर की मध्यरात्रि में आठ घंटे के भीतर खाली खड़ीं दो बसों में ब्लास्ट किया गया था। इसमें दो लोग घायल हो गए थे। हालांकि, पुलिस ने इस मामले में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक आतंकवादी को पकड़ लिया था। उसके पास से 5 इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस पकड़ी गई थीं। डीजीपी ने कहा कि उधमपुर विस्फोट को लश्कर-ए-तैयबा ने गृह मंत्री के दौरे से पहले यह बताने के लिए अंजाम दिया था कि केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा के मोर्चे पर सब कुछ ठीक नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह में, घाटी में चार सफल आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के कई आतंकवादी मारे गए हैं।
     
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