सार

कोविड वैक्सीनेशन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का ग्रांट है। यह केंद्र द्वारा खर्च नहीं किया जा सकता बल्कि राज्यों को वैक्सीनेशन के लिए खर्च किया जाएगा। यही नहीं इस ग्रांट से वैक्सीनेशन प्रोग्राम बिना बाधा संचालित होगी और राज्यों को इसके निगरानी का अधिकार है। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। 

नई दिल्ली। कोविड वैक्सीनेशन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का ग्रांट है। यह केंद्र द्वारा खर्च नहीं किया जा सकता बल्कि राज्यों को वैक्सीनेशन के लिए खर्च किया जाएगा। यही नहीं इस ग्रांट से वैक्सीनेशन प्रोग्राम बिना बाधा संचालित होगी और राज्यों को इसके निगरानी का अधिकार है। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। 

स्वास्थ्य मंत्रालय कर रहा इस ग्रांट को खर्च

भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अनुसार कोविड वैक्सीनेशन के लिए डिमांड फार ग्रांट नंबर 40 के तहत ट्रांसफर टू स्टेट्स अनुदान की राशि को स्वास्थ्य मंत्रालय आपरेट कर रहा है। 35 हजार करोड़ रुपये के ग्रांट से वैक्सीन की मंत्रालय खरीदारी राज्यों के मांग के अनुसार कर रहा और आगे भी करेगा। इस धनराशि से खरीदी गई वैक्सीन के निगरानी का पूरा अधिकार राज्यों को दिया गया है। 

 

केंद्र सरकार ने ग्रांट के बारे में बताया

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया था कि राज्यों को केंद्र ने वैक्सीन खरीदने का बोझ बढ़ा दिया है। केंद्र को फ्री वैक्सीन उपलब्ध कराना चाहिए। जबकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा गया है कि केंद्र सरकार ने टीकाकरण पर खर्च का कोई प्राविधान ही नहीं किया है।