सार
पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। इसमें 23 उम्मीदवारों के नाम हैं। लिस्ट में कई चर्चित चेहरों को जगह दी गई है। कुछ नए चेहरों को मौका दिया गया। कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के बागी नेता आशु बांगड़ को फिरोजपुर देहात से टिकट दिया है।
चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। इसमें 23 उम्मीदवारों के नाम हैं। लिस्ट में कई चर्चित चेहरों को जगह दी गई है। कुछ नए चेहरों को मौका दिया गया। कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के बागी नेता आशु बांगड़ को फिरोजपुर देहात से टिकट दिया है। उनका इस सीट से पहले ही टिकट तय माना जा रहा था। इससे पहले AAP ने भी आशु बांगड़ को फिरोजपुर देहात से टिकट दिया था, लेकिन उन्होंने बगावत कर दी और आप छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। आशु को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का करीबी माना जाता है।
हालांकि, जब से आंशु बागड़ ने कांग्रेस जॉइन की है, तब से उनका सिटिंग विधायक और उनके समर्थक विरोध कर रहे हैं। अब जब सिटिंग विधायक का टिकट काटकर आशु बांगड़ को दे दिया गया तो ये नाराजगी तेज हो गई है। इसी तरह, प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू के भतीजे समित सिंह का नाम 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों की दूसरी सूची में शामिल है। वह संगरूर जिले के अमरगढ़ सीट से चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस ने खरड़ से पूर्व मंत्री जगमोहन सिंह कांग को टिकट नहीं दिया है। यहां से मोरिंडा के शराब ठेकेदार विजय शर्मा टिंकू को मैदान में उतारा है।
चार बार हारे ढिल्लो फिर उम्मीदवार
दीपिंदर सिंह ढिल्लों को डेरा बस्सी से मैदान में उतारा गया है। वह अभी तक चार बार लगातार चुनाव हार चुके हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू उन्हें टिकट देने के खिलाफ थे। क्योंकि उनका कहना था कि जो उम्मीदवार चार बार हार गया, उसे पांचवी बार टिकट देने के मायने क्या हैं? सीएम चरणजीत सिंह चन्नी भी उन्हें टिकट नहीं देना चाह रहे थे। लेकिन, कहा जाता है कि ढिल्लों के दिल्ली दरबार के लिंक काम कर गए।
मंत्री बाजवा को तवज्जो नहीं...
पूर्व नौकरशाह दरबारा सिंह को शूतराना रिजर्व सीट से टिकट दिया गया है। दरबारा सिंह 2017 में इस सीट से चुनाव हार गए थे। मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के विरोध के बावजूद अश्वनी सेखरी बटाला से टिकट पाने में सफल रहे हैं। बाजवा हाइकमान को लिख चुके हैं कि वह इस बार बटाला से चुनाव लड़ना चाहते हैं। वह फतेहगढ़ चुढ़िया से विधायक है। लेकिन उनकी बात को पार्टी में तवज्जो नहीं दी गई। दिल्ली दरबार में अश्वनी सेखरी की पकड़ की वजह से वह बटाला से टिकट लेने में सफल रहे।
पूर्व सीएम की बहू को भी टिकट
इसके अलावा, सरदुलगढ़ सीट से पूर्व विधायक अजीत सिंह मोफर के बेटे बिक्रम सिंह मोफर को टिकट मिला है। मुक्तसर साहिब से करण कौर बराड़ को टिकट मिला। वह पूर्व मुख्यमंत्री हरचरण सिंह बराड़ की बहू हैं। समराला से अमरीक सिंह ढिल्लों की जगह राजा गिल को टिकट दिया गया है। जोगिंदर पाल ने अपनी भोआ सीट बरकरार रखी है और गिल से मौजूदा विधायक कुलदीप सिंह वैद को भी पार्टी का टिकट दिया गया है।
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