सार

प्रशांत किशोर ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने रिजाइन करते हुए कहा कि वह फिलहाल जिम्मेदारियों को संभालने में सक्षम नहीं हैं। इसलिए सीएम से अनुरोध है कि मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त करें।

चंडीगढ़. चुनावों में राजनीतिक पार्टियों के लिए रणनीतिकार माने जाने वाले प्रशांत किशोर ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने रिजाइन करते हुए कहा कि वह फिलहाल जिम्मेदारियों को संभालने में सक्षम नहीं हैं। इसलिए सीएम से अनुरोध है कि मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त करें।

4 महीने पहले ही बने थे सीएम के प्रिंसिपल एडवाइजर
दरअसल, प्रशांत किशोर इसी साल चार महीने पहले  कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार के रूप में नियुक्त हुए थे। इसके लिए उन्होंने वेतन के पर सिर्फ एक रुपए चार्ज किया था। जिसके चलते सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हुई थी। मुख्यमंत्री ने प्रशांत किशोर को अपना प्रिंसिपल एडवाइजर बनाते हुए उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा दिया हुआ था। 

कांग्रेस में शामिल होने की चल रहीं अलकलें...
राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी है कि  प्रशांत किशोर अब कांग्रेस पार्टी का दामन थाम सकते हैं। इसके लिए उनकी कांग्रेस हाईकमान के साथ दिल्ली में मीटिंग हो चुकी है। हालांकि, अभी इस मामले में प्रशांत किशोर ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया हैष। उन्होंने कहा कि वह फिलहाल ब्रेक चाहते हैं और भविष्य में क्या करना है, इस पर विचार करेंगे। बस अबी में सीएम से अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त करने की कृपा करें।

2017 में कैप्टन को दिलाई थी जीत
जब वह सीएम के प्रिंसिपल एडवाइजर बने थे तो चर्चा थी कि प्रशांत किशोर  पंजाब में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में चुनावी अभियान की कमान संभालेंगे। कयोंकि इसस पहले भी 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कैप्टन के नारे से लेकर उनकी चुनावी रैली कब और कहां होनी यह सब किशोर ने ही डिसाइड किया था।

पीएम मोदी से सीएम ममता का दिया साथ
प्रशांत किशोर की पहचान अब चुनावी रणनीतिकार तौर होती है, इसी साल उनकी  कपंनी इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी ने पश्चिम बंगाल चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की मदद कर जीत दिलाई है। हालांकि वह सबसे पहले साल 2012 में नरेंद्र मोदी को गुजरात का CM बनाने कैम्पेन की कमान उनके हाथों में थी। इसके बाद दो साल बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी कैम्पेन भी संभाल चुके हैं।

कई राज्यों के मुख्यमंत्री की कर चुके हैं मदद
प्रशांत किशोर इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार को चुनाव में जीत दिलाने के लिए अहम भूमिका निभा चुके हैं। वह उत्तर प्रदेश में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस रणनीतिकार थे। हालांकि यहां कांग्रेस को हार मिली थी।