सार
Kab Hai Holika Dahan 2024: फाल्गुन पूर्णिमा की शाम को होलिका की पूजा की जाती है और रात में इसका दहन किया जाता है। होलिका दहन करते समय भद्रा का विशेष ध्यान रखा जाता है। मान्यता है कि भद्रा में होलिका दहन करना अशुभ होता है।
Interesting facts related to Bhadra: धर्म ग्रंथों के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर होलिका पूजन और इसके बाद दहन करने की परंपरा है। इस बार ये तिथि 24 मार्च, रविवार को है। होलिका दहन करते समय भद्रा का विशेष ध्यान रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि भद्रा के दौरान यदि होलिका दहन किया जाए तो इसका बहुत ही अशुभ फल प्राप्त होता है। भद्रा क्या है और इसे अशुभ क्यों मानते है? आगे जानिए इससे जुड़ी खास बातें…
क्या है भद्रा? (Kya Hai Bhadra?)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचांग बनाते समय 5 बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है-तिथि, वार, योग, करण और नक्षत्र। करण तिथि का आधा भाग होता है। करण की संख्या 11 बताई गई हैं, इनमें से एक करण का नाम विष्टि है, इसे ही भद्रा भी कहते हैं।
होलिका दहन पर ही क्यों आती है भद्रा?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुल 11 करण में से प्रतिदिन 2 का संयोग बनता है। लेकिन कुछ करण जैसे विष्टि आदि का संयोग सिर्फ पूर्णिमा और अमावस्या तिथि पर ही बनता है। चूंकि होलिका दहन पूर्णिमा तिथि पर होता है, इसलिए इस दिन भद्रा का संयोग बनता ही है।
भद्रा को क्यों मानते हैं अशुभ? (Bhadra Ko Kyo Mante Hai Ashubh?)
पुराणों के अनुसार, भद्रा सूर्यदेव की पुत्री और शनि की बहन है। भद्रा जैसे ही उत्पन्न हुई तो अपने उग्र स्वभाव के कारण संसार को खाने दौड़ी। तब ब्रह्मा ने उसे समझाया और विष्टि करण में स्थान दिया। अपने उग्र स्वभाव के कारण ही भद्रा को अशुभ माना जाता है।
तीनों लोकों में घूमती रहती है भद्रा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भद्रा तीनों लोकों में घूमती है। जब भद्रा पृथ्वी पर होती है तो शुभ कामों में बाधा डालती है और अगर कोई शुभ कार्य इस दौरान किए जाए तो उसका अशुभ फल मिलता है जैसे होलिका दहन।
भद्रा में होलिका दहन क्यों अशुभ? (Bhadra Mai Holika Dahan Kyo Ashubh?)
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भद्रा के दौरान भूलकर भी होलिका दहन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से शहर और देश में कईं तरह की विपदाएं आ सकती हैं और अनिष्ट होने का भय बना रहता है। इसलिए होलिका दहन करते समय भद्रा का खास ध्यान रखा जाता है।
भद्रा काल में क्या करें-क्या नहीं?
भद्रा काल के दौरान यज्ञोपवित, गृह प्रवेश, विवाह, मुण्डन आदि शुभ काम नहीं करना चाहिए। होलिका दहन और रक्षाबंधन भी भद्रा में नहीं करनी चाहिए। लेकिन भद्रा काल में किसी पर मुकदमा, शत्रु से युद्ध, राजनीति से जुड़े काम, ऑपरेशन और वाहन खरीदे जा सकते हैं।
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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।