सार

पाकिस्तान (Pakistan) का नाम सुनते ही शरीर में झुरझुरी सी छूटती है। मगर सोचिए यहां अल्पसंख्यक और खासकर हिंदू (Hindu Community in Pakistan) किन परिस्थितियों में रहते होंगे। धार्मिक कार्यक्रम और पूजा पाठ करते होंगे। यहां पांच मंदिर हैं, जो विश्व प्रसिद्ध हैं। 

नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) की कट्टरता किसी से छुपी नहीं है। इस मुस्लिम देश (Muslim Country) में अल्पसंख्यकों के साथ, खासकर हिंदुओं और सिख समुदाय (Hindu and Sikh Community) के लोगों के साथ किस तरीके का घिनौना अपराध होता है, यह शायद बताने की जरूरत नहीं। फिर भी यहां से हिंदू और सिख समुदाय के लोगों का धर्म से गहरा जुड़ाव है। यहां कई ऐसे पवित्र धार्मिक स्थल मौजूद हैं जहां हर साल इस मुस्लिम देश ही नहीं बल्कि, विदेशों से भी लोग पूजा करने पहुंचते हैं। यहां सिख और हिंदू दोनों समुदाय के सांस्कृतिक जुड़ाव बेहद पुराने हैं। हिंदुओं के कई ऐसे प्राचीन मंदिर इस मुस्लिम देश में मौजूद हैं, जो हिंदुओं के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को प्रमाणित करते हैं। आज हम आपको पाकिस्तान में हिंदुओं के 5 पवित्र धार्मिक स्थल के बारे में बताएंगे जो बेहद लोकप्रिय हैं। 

हिंगलाज देवी मंदिर
माता का यह मंदिर बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है। यह मंदिर माता सती यानी देवी दुर्गा के ही एक स्वरूप में 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव माता सती के मृत शरीर को कंधे पर रखकर तांडव नृत्य कर रहे थे। ब्रह्मांड को प्रलय से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से कंधे पर रखे माता सती के मृत शरीर को 51 भागों में काट दिया था। मान्यता है कि हिंगलाज ही वह मंदिर है जहां माता का सिर गिरा था। इसी वजह से यहां यह पवित्र धार्मिक स्थल स्थापित है। 

कटासराज मंदिर 
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाली गांव में कटासराज नामक पवित्र धार्मिक स्थल है।  भगवान शिव के एक स्वरूप वाले इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। ऐसी मान्यता है कि कटासराज मंदिर का इतिहास महाभारत काल से भी पुराना है। लोगों का यह भी मानना है कि मंदिर के चारों तरफ पन्ना पवित्र कुंड भगवान शिव के आंसुओं से भरा है। 

गोरखनाथ मंदिर 
बाबा गोरखनाथ का मंदिर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में तो स्थित है ही, एक मंदिर पाकिस्तान के पेशावर प्रांत में भी स्थित है। माना जाता है कि मंदिर का निर्माण वर्ष 1851 में हुआ था। भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद यह मंदिर बंद कर दिया गया था, लेकिन वर्ष 2011 में पेशावर हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस मंदिर के पट फिर से श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए थे। 

कालका देवी मंदिर
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में मौजूद माता का मंदिर काफी प्रसिद्ध है। लोग यहां दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं। माना जाता है कि देवी काली हिंगलाज मंदिर जाने के दौरान रास्ते में यहां रुकी थीं और तभी से यह मंदिर सिद्ध हुआ। इस गुफा की यात्रा शुभ मानी जाती है और इसी वजह से यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है। 

श्री राम मंदिर 
भारत में अयोध्या की तरह पाकिस्तान के इस्लाम कोर्ट में भी भगवान श्री राम का मंदिर है। इस्लाम कोर्ट में हिंदू और मुस्लिम आबादी लगभग बराबर है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण राजा मानसिंह ने 16वीं सदी में कराया था। हिंदुओं की श्रद्धा के प्रतीक के तौर पर मशहूर इस ऐतिहासिक मंदिर में लोगों की वर्षभर भीड़ जुटती है। 

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