सार
दिल्ली के करोल बाग में हनुमान जी का एक खास मंदिर है, जिस बनाने में महज 13 साल लगे थे। जानिए किनके सपने में आकर उन्होंने दिया था बड़ी मूर्ति बनाना का आदेश।
नई दिल्ली। दिल्ली में वैसे तो कई सारी जगह ऐसी हैं, जहां जाने पर अलग ही सुकून मिलता है। दिल्ली में आपको राम भक्त हनुमान के एक नहीं बल्कि अनेकों मंदिर मिल जाएंगे, लेकिन करोल बाग में मौजूद हनुमान जी की ऊंची मूर्ति वाला मंदिर हर किसी के बीच फेमस है। हनुमान जी के इस मंदिर को संकट मोचन हनुमान धाम के नाम से भी लोगों के बीच जाना जाता है। ये मूर्ति करीब 108 फीट ऊंची है। जोकि लोगों के बीच काफी ज्यादा चर्चा में हैं। हनुमान जी की मूर्ति अपना सीन चीरे हुए दिखाई दे रही है, जिसमें श्री राम, माता सीता नजर आ रहे हैं। ऐसे में क्यों न इसी मंदिर की खूबियों के बारे में जान लेते हैं।
हनुमान जी ने खुद दिए था मूर्ति बनाने का संकेत
जिस जगह पर हनुमान जी की सबसे बड़ी मूर्ति है। वहां पर पहले कभी एक छोटी सी हनुमान जी की मूर्ति के साथ भगवान शिव की धुना हुआ करती थी। एक वक्त की बात है जब वहां पर स्वर्गीय महंग नाग बाबा सेवागीर जी महाराज तपस्या कर रहे थे। उस वक्त हनुमान जी ने उन्हें दर्शन दिए और उनसे अपनी बड़ी सी मूर्ति स्थापित करने के लिए कहा। इसके बाद 1994 में ये मंदिर बनना शुरू हुआ। इस मंदिर को पूरा करने में करीब 13 साल लग गए। ॉ
अपने-आप हिलती है हनुमान जी की भुजाएं
इस मंदिर में अंदर प्रवेश करने पर आपको सबसे पहले सामने हनुमान जी की मूर्ति नजर आएगी। इसके बाद अनेकों भगवान की मूर्ति के आप वहां पर आप दर्शन कर पाएंगे। मंदिर में जम्मू-कश्मीर में मौजूद वैष्णो देवी की तरह ही एक गुफा भी है। गुफा के अंदर एक पवित्र चट्टान है, जिसे पिंडी नाम से जाना जाता है। गंगा नदीं के तौर पर यहां पर पानी बहता है। यहां पर देवी काली मां का भी मंदिर मौजूद है, जिनके दर्शन के बिना कोई भी वापस नहीं लौटता है। ये मंदिर इंजीनियरिंग, कला और तकनीक का एक शानदार उदाहरण है। यहां पर मंगलवार और शनिवार के दिन जब आरती होती है तो हनुमान जी की भुजाएं पीछे की तरफ जाने लगती है। इस चीज को देखने के लिए वहां पर हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठा होती है।