घिनौना धंधाः 15 लाख की लागत, फायदा डेढ़ करोड़, गुजरात ATS और राजस्थान पुलिस ने कई जगह मारा छापा
गुजरात एटीएस और राजस्थान पुलिस ने कई जिलों में छापेमारी की। रेड के दौरान तकरीबन 300 करोड़ रुपए की ड्रग्स पकड़ी गई है। इसी के साथ 13 स्मगलर्स को भी गिरफ्तार किया गया।
हाल ही में गुजरात राज्य की एटीएस ने राजस्थान पुलिस के साथ मिलकर राजस्थान के जोधपुर , सिरोही और जालौर जिलों में रेड की है। इन तीन जिलों में रेड करने के साथ करीब 300 करोड़ रुपए की एमडी ड्रग बरामद की गई है। इसे बरामद करने के अलावा दोनों ही राज्यों से मिलाकर करीब 13 स्मगलर्स को गिरफ्तार किया है। उनमें से कई पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं। उन्हें गिरफ्तार करने के बाद अब बाकी साथियों के बारे में भी सर्च जारी है। गुजरात पुलिस की एक टीम राजस्थान की लोकल पुलिस के साथ मिलकर अलग-अलग जिलों में दबिश दे रही है । लोकल पुलिस के अलावा नारकोटिक्स डिपार्टमेंट भी इस केस में काम कर रहा है। जोधपुर से गिरफ्तार किए गए राम प्रताप बिश्नोई के बारे में गुजरात पुलिस को इनपुट मिला था, उसके बाद उसे जोधपुर में अपने घर से तड़के 4:00 बजे गिरफ्तार किया गया । दोनों राज्यों की पुलिस और स्पेशल एजेंसियों ने उसके साथ उस लैब पर जांच पड़ताल की जो लैब करीब 3 महीने पहले ही लगाई गई थी। यहां नेल पॉलिश रिमूवर, मेफड्रोन केमिकल और अन्य केमिकल को मिलाकर एमडी ड्रग तैयार की जानी थी। पहला लोट निकलना था लेकिन उससे पहले ही गुजरात पुलिस ने यहां रेड कर दी । जांच पड़ताल में सामने आया है कि करीब 15 लाख रुपए की लागत से कच्चा माल लिया गया था और इससे करीब डेढ करोड रुपए की ड्रग्स तैयार की जानी थी।
इसी स्कीम से जालौर शहर में भी ड्रग्स तैयार की गई थी। वहां से करीब 50 करोड रुपए का तैयार और कच्चा माल बरामद किया गया है । इस पूरे रैकेट के कई बड़े स्मगलर फरार है। जालौर के सिरोही इलाके से खेत में बनी हुई जिस लैब में छापा मारा गया उसे लैब का संचालक कुलदीप सिंह राजपुरोहित है । वही पूरे राजस्थान में बनाई जाने वाली एमडी ड्रग का मास्टरमाइंड है। उसने गुजरात के पिपलाज में भी एक फैक्ट्री लगा रखी है । वही गुजरात से अवैध तरीके से कच्चा माल राजस्थान भेज रहा था और यहां अपने दोस्तों के साथ मिलकर ड्रग्स तैयार करता था।
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले गुजरात पुलिस ने राजस्थान और गुजरात में रेड करने के बाद करीब 300 करोड रुपए की एमडी ड्रग्स बरामद की है। जांच में यह भी सामने आया कि राजस्थान से जिन 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें कोई मेडिकल संचालक था । कोई चाय पत्ती की दुकान करता था और कोई अन्य काम करता था। लेकिन जल्दी करोड़पति बनने के चक्कर में उन्होंने यह रास्ता चुना और अब जेल की सलाखों के पीछे है।