सार
यूएसए के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी टिक-टॉक पर बैन लगाने के पक्ष में थे। संघीय संचार आयोग यानी FCC ने भी एपल और गूगल को अपने एप स्टोर से टिकटॉक हटाने की सलाह दी थी। सीनेट में भी इसको लेकर एक बिल पास हुआ था।
टेक न्यूज : भारत में बैन झेल रहे टिक-टॉक (TikTok) को अब अमेरिका (America) ने सबसे बड़ा झटका दिया है। अमेरिका में सरकारी स्वामित्व वाले सभी गैजेट्स में अब से टिक-टॉक नहीं चलेगा। राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए अमेरिकी सीनेट ने इसको लेकर कुछ दिन पहले ही एक बिल पास किया था। बिल में सरकारी कर्मचारियों के गैजेट्स में टिक-टॉक बैन करने की बात कही गई थी। बता दें कि पहले से ही अमेरिकी सरकार टिकटॉक को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का खतरनाक वायरस बताती रही है।
बैन की असली वजह
अमेरिका के सदन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में यह जानकारी शेयर की है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा की वजह से यह फैसला लिया गया है। अब सभी सासंदों के गैजेट्स से टिक-टॉक अनस्टॉल किया जा रहा है। हालांकि अमेरिका की आम जनता इसका इस्तेमाल करती रहेगी। उस यह प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। सरकार की तरफ से सभी सरकारी गैजेट्स से शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक को बिना देरी हटाने के निर्देस दिए गए हैं।
कहीं ये चीन को चेतावनी तो नहीं
बता दें कि कुछ दिन पहले ही अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो यानी FBI के डायरेक्टर क्रिस रे ने कहा था कि वीडियो शेयरिंग एप का पूरा कंट्रोल चीन सरकार के हाथों में है। उनकी सोच हमारी जैसी नहीं है। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि एफबीआई चीनियों के हाथ में ऐसे एप का नियंत्रण होने से चिंतित है, जो कई चीजों में हेरफेर भी कर सकते हैं। बता दें कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी टिकटॉक पर बैन की बात कह चुके हैं।
भारत में बैन है टिक-टॉक
भारत में साल 2020 से ही सुरक्षा कारणों की वजह से टिक-टॉक बैन है। दो साल पहले भारत सरकार ने टिकटॉक और हैलो समेत 59 चीनी ऐप को बैन कर दिया था। तब टिक-टॉक देश के यूथ की पहली पसंद था। इसके कई वीडियो ने कई युवाओं स्टार बना दिया था।
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