सार
सभी के पास स्मार्ट फोन (Smart Phone) है। डिजिटल इंडिया (Digital India) के तहत काम एक क्लिक पर हो जाते हैं। मगर कई लोग सतर्क नहीं होते। कुछ सतर्क होते हैं, मगर जागरूक नहीं और जानकारी का अभाव भी होता है। अकाउंट सही से हैंडल नहीं कर पाते और ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) के शिकार हो जाते हैं। वैसे जिन्हें यह सब पता है, मगर लालच में पैसे गंवा दें, तो उनके लिए क्या ही किया जा सकता है।
नई दिल्ली। अक्सर लोग ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) का शिकार हो जाते हैं। कुछ लोग इसलिए भी ठग लिए जाते हैं, क्योंकि सतर्क नहीं रहते। जागरूक नहीं होते और सुरक्षित रहने की कोशिश नहीं करते या फिर कह सकते हैं कि सुरक्षित लेनदेन की जानकारी नहीं होती। खासकर गांव-कस्बे या फिर छोटे शहर के लोग इसके शिकार ज्यादा होते हैं। एशियानेट हिंदी ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए जागरुकता अभियान चला रहा है। इस कड़ी में आज हम आपको बिहार में रोहित के साथ हुई ठगी के बारे में बता रहे हैं।
पंजाब के जगराओ कस्बे के जोधा थाने के प्रभारी गुरमीत सिंह के अनुसार, रोहित कुमार एक मिल में काम करते थे। उनकी सैलरी मिल प्रबंधन की ओर से पीएनबी में खुलवाएं गए अकाउंट में आ रही थी। करीब तीन महीने पहले रोहित काम छोड़कर गांव चला गया। कंपनी ने अकाउंट बंद नहीं कराया। गांव जाकर रोहित ने ऑनलाइन ठगी का धंधा शुरू कर दिया। दोस्तों को भी इसमें शामिल किया। वह लोगों के पास ऑनलाइन लाटरी खेलने के लिए फोन करता। उनके अकाउंट की जानकारी मांगता और सैलरी में अकाउंट में ट्रांसफर करा देता। इस इसी खाते ने उसे पकड़वा भी दिया।
एक बार पैसे कटवाने के बाद भी सतर्क नहीं हुआ रोहित
रोहित ने एक व्यक्ति को इसी तरह फोन करके उसके खाते से 57 हजार उड़ा दिए। इसके बाद दूसरे शख्स से ओटीपी मांगकर उसके खाते से भी 23 हजार उडा दिए। दोनों रकम रोहित के सैलरी अकाउंट में गई। पहले लुटे हुए शख्स ने पुलिस में इसकी शिकायत दी। शिकायत के बाद पुलिस बैंक पहुंची और खाते को सीज करा दिया। रोहित ठगी की रकम जो उसके खाते में आई थी, उसे निकालने के लिए बैंक पहुंचा, मगर खाता सीज होने की वजह से कैशियर ने मैनेजर को जानकारी दी और मैनेजर ने पुलिस को। पुलिस आई और रोहित को पकड़ ले गई और उसके दोस्तों की तलाश हो रही है।
रोहित कैसे खेल करता था
रोहित ने बताया कि वह लोगों से शुरू में कुछ पैसे डालने को कहता। पैसा आने के बाद कहा कि आपके खाते में जीत की रकम भेजी जा रही है, ओटीपी आएगा वह नंबर शेयर करें। जैसे ही लोग ओटीपी शेयर करते खाते से रकम निकाल ली जाती। इसके बाद भी रोहित सुधरा नहीं। उसका लालच बढ़ता गया। उसने एक और शख्स से ओटीपी लेकर उसके खाते से 23 हजार रुपए उड़ा दिए। ये दूसरी शिकायत भी पुलिस के पास पहुंची थी। एक के बाद दूसरी घटना ने पुलिस को चौकन्ना कर दिया था।
कैसे होती है ऑनलाइन ठगी
शातिर ठग जाल में फंसाकर अपना शिकार बनाते हैं। आपको झांसे में लेंगे। बड़ी-बड़ी स्कीम बताएंगे और इनका फायदा उठाने के लिए आसान रास्ते सुझाएंगे। इसके बाद आपसे निजी जानकारियां मांगेगे। ओटीपी या सीवीवी मांगेंगे और देखते ही देखते बैंक खाता खाली कर देंगे।
तीन बातों का रखेंगे, तो काफी हद तक रहेंगे सुरक्षित
ऑनलाइन ठगी से बचना है तो तीन प्वाइंट्स पर खास ध्यान दें, जिससे आप ठगी से काफी हद तक बच पाएंगे। पहली बात में ध्यान रखें की यूपीआई पिन किसी भी हाल में शेयर नहीं करना है। किसी भी ऑनलाइन पेमेंट ऐप पर ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करने के लिए लॉगिन आईडी के साथ यूपीआई पिन मिलता है। इसी पिन से पेमेंट फाइनल होता है। शातिर ठग आपसे पिन हासिल करने के लिए तमाम लालच देंगे, मगर आप ऐसा बिल्कुल मत किजिएगा।
दूसरी जरूरी बात कई बार लोग में पेमेंट ट्रांसफर के लिए थर्ड पार्टी लिंक का इस्तेमाल करते हैं। यह बिल्कुल सुरक्षित नहीं है, क्योंकि थर्ड पार्टी लिंक आपका ऑनलााइन डाटा हैक कर लेते हैं और बाद में आपके लेनदेन की निगरानी करते हैं। कई बार धीरे-धीरे ये आपका अकाउंट खाली भी देते हैं।
तीसरी सबसे जरूरी बात है कि अगर किसी को ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने हों तो हमेशा अप्रुव्ड यूपीआई ऐप का इस्तेमाल करें। प्ले स्टोर पर उस ऐप की रेटिंग और, सेक्योर्ड और रिव्यू जरूर चेक कर लें। कई बार क्लोन ऐप का इस्तेमाल कराते हुए ठग आपके जरूरी पिन और पासवर्ड चुरा लेते हैं। इसके लिए हमेशा अप्रुव्ड और प्रचलित पेमेंअ ऐप जैसे पेटीएम, गूगल पे, भीम का इस्तेमाल करें।
ये कभी भूलिए मत
- ठगी से बचने के लिए अकाउंट के पासवर्ड अलग-अलग रखें।
- पासवर्ड हमेशा स्ट्रांग रखें और समय-समय पर बदलते रहें।
- मैसेज या ई-मेल पर कोई लिंक मिले तो तुरंत क्लिक नहीं करें। पढ़े और समझें कहीं आप ठगी का शिकार तो नहीं बन रहे।
- किसी भी ऐसे व्यक्ति को जिसे आप नहीं जानते या फिर जानते हैं, मगर भरोसा नहीं हो रहा तो उसे अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड शेयर नहीं करें।
- यदि आप ठगी के शिकार हो ही गए हैं, तो आगे बचने के लिए तुरंत एटीएम ब्लॉक कराएं और खाते से लेनदेन रूकवाने के लिए बैंक से संपर्क करें।